IRCTC पर अक्टूबर 1 से 15 मिनट के लिए आधार‑प्रमाणित टिकट बुकिंग अनिवार्य

जब मोमेंटरी ऑफ रेलवेज ने इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज़्म कॉरपोरेशन (IRCTC) को नया निर्देश जारी किया, तो पूरे भारत ने तुरंत इसका असर महसूस किया। प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, आधार-आधारित प्रमाणीकरण अब ऑनलाइन सामान्य आरक्षित टिकटों के पहले 15 मिनिट में अनिवार्य होगा, और यह नियम ऑनलाइन टिकट बुकिंग में आधार प्रमाणीकरण अनिवार्यनई दिल्ली से लागू होगा। यह बदलाव 1 अक्टूबर 2025 को शुरू हो रहा है, यानी जब सामान्य रिज़र्वेशन विंडो 60 दिन पहले खुलती है, तब पहली 15 मिनट में केवल आधार‑लिंक्ड उपयोगकर्ता ही टिकट बुक कर पाएंगे।
नीति का पृष्ठभूमि और उद्देश्य
इस नई पहल का मूल कारण दो‑तीन शब्दों में नहीं समझाया जा सकता – यह बस उन ‘अनधिकारियों’ को रोकने के लिये है, जो बॉट्स और सॉफ़्टवेयर से टिकटों को छिन लेते हैं। पहले भी टाटाकल बुकिंग में आधार अनिवार्य था, लेकिन सामान्य आरक्षित सीटों में यह अप्रीति अक्सर देखी गई थी। जुलाई 2025 में टाटाकल बुकिंग पर IRCTC ने आधार‑ओटीपी को अनिवार्य कर दिया था; अब उसी क्रम को सामान्य बुकिंग तक विस्तृत किया जा रहा है।
- प्रत्येक ट्रेन की सामान्य आरक्षित विंडो 60 दिन पहले खुलती है।
- पहले 15 मिनट में केवल आधार‑संयुक्त खाता वाले यूज़र बुक कर सकेंगे।
- 15 मिनट के बाद सभी पंजीकृत यूज़र, चाहे उनका आधार लिंक्ड हो या न हो, बुक कर सकते हैं।
- पृथक रूप से, स्टेशन के पीआरएस काउंटर पर बुकिंग वैसा ही रहेगा, कोई आधार माँगा नहीं जाएगा।
विवरण: कैसे काम करेगा?
जब एक ट्रेन का बुकिंग पोर्टल खुलता है, तो सिस्टम तुरंत जाँचता है कि खाता आधार से जुड़ा है या नहीं। यदि हाँ, तो वह यूज़र को बुकिंग फॉर्म दिखाएगा; नहीं तो उसे एक सूचना मिलेगी कि वह 15‑मिनट के बाद फिर से प्रयास करे। इस दौरान एजेंटों को भी 10 मिनट की रोक (पहले से ही लागू) का पालन करना होगा, यानी वे ‘पहले‑दिन’ की सीटें नहीं ले सकते। टाटाकल के लिए यह रोक 30 मिनट तक बढ़ा दी गई है – एसी क्लास 10:00‑10:30 एएम, नॉन‑एसी 11:00‑11:30 एएम।
पक्षी‑पक्षी की प्रतिक्रिया
बड़े शहरों के नियमित यात्रियों ने इस कदम की सराहना की। “पहले तो बॉट्स दहलीज से बाहर निकलते थे, अब थोड़ा आराम है,” एक नियमित प्रवासी कहता है। दूसरी ओर, कुछ ऑनलाइन ट्रैवल एजेंटों ने चिंता जताई – “अगर हमारे पास तेज़ी से बुक करने का साधन नहीं रहेगा तो हमारी सेवाओं पर असर पड़ेगा।” हालांकि, मोमेंटरी ऑफ रेलवेज ने स्पष्ट किया कि एजेंटों के लिए मौजूदा 10‑मिनट प्रतिबंध बरकरार रहेगा, इसलिए उनका व्यवसाय बड़ा‑सा नहीं बगड़ेगा।

व्यापारिक और सामाजिक प्रभाव
आधार‑प्रमाणित बुकिंग का सबसे बड़ा लाभ यह है कि टिकट री‑सेलिंग की समस्या घटेगी। पिछले कुछ वर्षों में ‘टिकट स्कैल्पर’ ऑनलाइन फोरम पर अपनी रणनीतियां शेयर करते देखे जा चुके हैं। अब वे पहले‑दिन के 15 मिनट में नहीं पहुंच पाएंगे, इसलिए सामान्य यात्रियों को सीटें मिलना आसान होगा। इस कदम से रेलवे को भी असली यात्रियों से राजस्व बढ़ाने का मौका मिलेगा, क्योंकि अब बिचौलियों को कम मार्जिन पर टिक‑टिकट बेचने की जरूरत नहीं रहेगी।
आगे क्या उम्मीद करनी चाहिए?
अक्टूबर से शुरू होने वाली इस नीति का पहला आँकड़ा जुलाई‑अगस्त के बीच उपलब्ध होगा। मोमेंटरी ऑफ रेलवेज ने कहा है कि यदि परिणाम सकारात्मक हैं, तो बेसिक बुकिंग के अलावा भी अन्य सेवाओं में (जैसे स्लीपर क्लास, लाउंच पैकेज) समान आधार‑वेरिफिकेशन मॉडल लागू किया जा सकता है। साथ ही, सरकार ने इस बात को भी बताया कि भविष्य में डिजिटल पहचान के साथ ही ‘फेयर‑प्राइसिंग’ की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है।

मुख्य बिंदु
- आधार‑प्रमाणित बुकिंग 1 अक्टूबर 2025 से लागू。
- पहले 15 मिनट में केवल आधार‑लिंक्ड यूज़र बुक कर पाएंगे。
- 15 मिनट के बाद सभी पंजीकृत यूज़र बुक कर सकते हैं。
- पीआरएस काउंटर पर बुकिंग वैसा ही रहेगी, कोई आधार आवश्यकता नहीं。
- एजेंटों पर 10‑मिनट की मौजूदा रोक बरकरार रहेगी。
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आधार‑प्रमाणित बुकिंग से सामान्य यात्रियों को कैसे फायदा होगा?
पहले 15 मिनट में बॉट्स और एजेंटों की पहुंच घट जाएगी, इसलिए आम यात्रियों को सीटें मिलना आसान होगा। आँकड़े बताते हैं कि पिछले साल टाटाकल बुकिंग में बॉट‑वरधारिता 35% तक थी, अब यह दर घटकर 10‑15% रहने की उम्मीद है।
क्या इस नीति से टिकट की कीमतों पर असर पड़ेगा?
किसी भी समय टिकट की मूल कीमत बदलने की योजना नहीं है। यह शुद्धता सुधारने वाला कदम है, जिससे बेहतर उपलब्धता के कारण कोई अतिरिक्त प्रीमियम नहीं लगेगा।
यदि मेरा आधार अभी तक नहीं लिंक हुआ है तो मैं क्या करूँ?
आप अपने IRCTC खाते में आसानी से आधार लिंक कर सकते हैं – बस ‘माय प्रोफ़ाइल’ में ‘आधार लिंकिंग’ विकल्प चुनें। 15 मिनट की शुरुआती विंडो के बाद आप बिना आधार के भी बुक कर सकते हैं, लेकिन सीट मिलने की संभावना कम हो सकती है।
स्टेशन के पीआरएस काउंटर में क्या बदलाव आएगा?
कोई बदलाव नहीं। ऑनलाइन नियम केवल डिजिटल बुकिंग को प्रभावित करेंगे; काउंटर पर टिकट लेने के लिये आधार की जरूरत नहीं होगी, प्रक्रिया वैसी ही रहेगी।
एजेंटों की मौजूदा 10‑मिनट प्रतिबंध में कोई बदलाव होगा?
नहीं, एजेंटों को पहले‑दिन के 10 मिनट में बुक करने की अनुमति नहीं होगी। यह नियम पहले से ही लागू है और नई नीति के साथ बरकरार रहेगा।
टिप्पणि:
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अरे, इसको तो बस बॉट्स को मात देने का बहाना मानो, असली परेशानी तो कहीं और ही है।
vinay viswkarma
अक्तूबर 14, 2025 AT 01:03