इंग्लैंड के क्रिकेटर ब्राइडन कार्स सट्टेबाजी के लिए प्रतिबंधित, तीन महीने का क्रिकेट से बैन
ब्राइडन कार्स पर सट्टेबाजी का गंभीर आरोप
इंग्लैंड के प्रमुख ऑलराउंडर ब्राइडन कार्स को गंभीर सट्टेबाजी के आरोपों का सामना करना पड़ा है। उन्हें इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) की तरफ से सट्टेबाजी के नियमों का उल्लंघन करने के चलते तीन महीने तक किसी भी प्रकार के क्रिकेट से प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह आरोप 2017 से 2019 के बीच के हैं, जब कार्स ने कुल 303 सट्टे विभिन्न क्रिकेट मैचों पर लगाए। हालांकि, महत्वपूर्ण यह है कि उन्होंने उन मैचों पर सट्टा नहीं लगाया जिसमें वे खुद खेल रहे थे।
कार्स का करियर और सट्टेबाजी का प्रकरण
ब्राइडन कार्स, जिन्होंने जुलाई 2021 में अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत की, ने अब तक इंग्लैंड के लिए 14 वनडे और 3 टी20 मैच खेले हैं। वह घरेलू क्रिकेट में डर-हम टीम का हिस्सा हैं। यह मामला तब सामने आया जब इंग्लैंड के क्रिकेट रेगुलेटर द्वारा एक एंटी-करप्शन जांच की गई। जांच के बाद कार्स को कुल 16 महीने का बैन लगा, जिसमें से 13 महीने का प्रतिबंध निलंबित कर दिया गया। इसका मतलब है कि कार्स को अब सिर्फ तीन महीने के लिए क्रिकेट से दूर रहना होगा।
कार्स की प्रतिक्रिया और माफी
ब्राइडन कार्स ने अपने इस कदम के लिए माफी मांगते हुए अपनी गलती स्वीकार की है। उन्होंने कहा, “मैं अपनी गलती की पूरी जिम्मेदारी लेता हूँ और ECB, डरहम क्रिकेट और PCA (प्रोफेशनल क्रिकेटर्स एसोसिएशन) से मिले समर्थन का आभारी हूँ। मैं अपने कार्यों का प्रायश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करूंगा।”
इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड का समर्थन
इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और क्रिकेट रेगुलेटर के निर्णय का समर्थन किया है। ECB ने कहा कि कार्स ने जांच के दौरान पूरा सहयोग किया और अपने कार्यों पर पछतावा जाहिर किया। बोर्ड ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसे क्रिकेट के लिए अनुशासनात्मक कदम बताया है।
भविष्य में कार्स का करियर
हालांकि ब्राइडन कार्स को इस दौरान क्रिकेट से दूर रहना होगा, लेकिन यह कदम उनके करियर के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसे किसी भी विवाद से दूर रहें और अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से निभाएं।
क्रिकेट और सट्टेबाजी के मुद्दे
क्रिकेट में सट्टेबाजी का मुद्दा कोई नया नहीं है, लेकिन हर बार यह सभी के लिए एक बड़ी चौकाने वाली खबर बन जाती है। क्रिकेट रेगुलेटर और संबंधित बोर्ड्स द्वारा समय-समय पर इन मुद्दों पर कड़ी निगरानी रखी जाती है, जिससे कि खेल की विश्वसनीयता और ईमानदारी बनी रहे।