केंद्रीय बजट 2024: अंतरिम बजट 2024-25 की मुख्य बातें

केंद्रीय बजट 2024: मुख्य आकर्षण

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई के तीसरे सप्ताह में पेश होने वाले केंद्रीय बजट 2024-25 पर देश भर की नजरें टिकी हैं। यह बजट नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (NDA) की लगातार तीसरी बार जीत के बाद पहला पूर्ण बजट होगा। 1 फरवरी 2024 को पेश किए गए अंतरिम बजट में किए गए संशोधनों और योजनाओं की समीक्षा करते हुए यह बजट पेश किया जाएगा।

अंतरिम बजट में वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 5.9% से घटाकर 5.8% कर दिया गया। कुल उधारी 14.13 लाख करोड़ रुपये और शुद्ध उधारी 11.75 लाख करोड़ रुपये रखी गई। रक्षा क्षेत्र का बजट 4% बढ़ाकर 6.2 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। टैक्स स्ट्रक्चर में कोई बदलाव नहीं किए गए, लेकिन स्टार्ट-अप्स और संप्रभु धन कोष या पेंशन कोष द्वारा किए गए निवेश पर मिलने वाले कर लाभ को 31 मार्च, 2025 तक बढ़ा दिया गया।

राजस्व का विवरण

2024-25 के लिए कुल राजस्व प्राप्तियों का अनुमान 30 लाख करोड़ रुपये रखा गया है। सरकार ने 30 करोड़ मुद्रा योजना के ऋण महिलाओं को प्रदान किए हैं, और विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) पाठ्यक्रमों में लड़कियों और महिलाओं का नामांकन 43% हो गया है।

पूंजीगत व्यय और रक्षा क्षेत्र

इस बजट में पूंजीगत व्यय को 11% बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। सरकार ने 40,000 रेल बोगियों को वंदे भारत मानकों में बदलने की योजना बनाई है। इसके अलावा, निर्धन सरकारी योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana - Grameen) के तहत अगले पांच सालों में अतिरिक्त दो करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है, और मध्यम वर्ग के लिए नए आवास योजना की शुरुआत होगी।

स्टार्ट-अप्स और निवेश

इंटरिम बजट के अनुसार, सरकार ने स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहित करने के लिए कर लाभ को मार्च 2025 तक बढ़ाया है। संप्रभु निवेश कोष और पेंशन फंड्स जैसे निवेशकों को भी इसी अवधि तक कर लाभ का विस्तार किया गया है। इन योजनाओं का उद्देश्य देश की आर्थिक स्थिति को मजबूती देना और व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि करना है। वित्तीय घाटे को कम करके आर्थिक विकास को संतुलित करना भी प्रमुख उद्देश्य है।

महिला सशक्तिकरण

महिला उद्यमियों को मुद्रा योजना के तहत 30 करोड़ ऋण दिए गए हैं, जिससे उनके बिजनेस में वृद्धि हो रही है। साथ ही, STEM पाठ्यक्रमों में भी 43% लड़कियों और महिलाओं का नामांकन सरकार द्वारा उठाए गए शिक्षा संबंधी कदमों की सफलता को दर्शाता है।

आवास योजना

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत अगले पांच सालों में दो करोड़ अतिरिक्त मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इससे न केवल ग्रामीण इलाकों में आवास की स्थिति में सुधार होगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। इसके साथ ही, मध्यम वर्ग के लिए नया आवास योजना शुरू की जाएगी, जिससे उन्हें सस्ती और बेहतर आवास सुविधाएं मिल सकेंगी।

अंत में, केंद्रीय बजट 2024-25 भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को सुदृढ़ बनाने और सभी वर्गों के विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत इस बजट से देश की जनसंख्या को नई उम्मीदें और आर्थिक स्थिरता मिलेगी।

टिप्पणि:

  • Neeraj Tewari

    Neeraj Tewari

    जुलाई 2, 2024 AT 21:46

    बजट देख कर ये लगता है कि सरकार आर्थिक संतुलन की खोज में एक नया संतुलन बिंदु तलाश रही है।
    वित्तीय घाटे को घटाने की बात सुनकर मन में यह सवाल उठता है कि क्या यह सतत विकास के साथ तालमेल रख पाएगा।
    रक्षा खर्ज में वृद्धि और स्टार्ट‑अप्स को कर छूट देना एक तरह का दोधारी तलवार है – सुरक्षा को मजबूत करता है लेकिन निजी क्षेत्र पर दबाव भी बढ़ा सकता है।
    महिला सशक्तिकरण के पहलू को उजागर करना सराहनीय है, पर यह देखना होगा कि जमीनी स्तर पर इसकी पहुँच कितनी गहराई तक जाती है।
    आवास योजना में दो करोड़ घरों का लक्ष्य बड़ा है, पर वित्तीय बिंदी को कैसे जोड़ेंगे, यही सवाल बाकी है।
    समग्र रूप से, नीति निर्माता को इस बजट को एक सामाजिक अनुबंध की तरह देखना चाहिए, जहाँ प्रत्येक वर्ग को समान लाभ मिले।

  • Aman Jha

    Aman Jha

    जुलाई 2, 2024 AT 21:48

    मैं मानता हूँ कि बजट में सभी वर्गों को साथ लेकर चलना जरूरी है, इसलिए ये पहलें सकारात्मक पहलू दिखती हैं।
    स्टार्ट‑अप्स को कर छूट देना नवाचार को उभारेगा, पर साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि छोटे व्यवसायों को असुविधा न हो।
    रक्षा खर्च की वृद्धि राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करेगी, पर आर्थिक स्थिरता को न भूलना चाहिए।
    आशा है कि आने वाले महीनों में इस बजट के कार्यान्वयन से वास्तविक प्रभाव दिखेगा।

  • Mahima Rathi

    Mahima Rathi

    जुलाई 2, 2024 AT 22:20

    बजट तो जैसे विज्ञापन की तरह चमकदार, पर असली सामग्री कहां? 😒

  • Jinky Gadores

    Jinky Gadores

    जुलाई 2, 2024 AT 22:23

    देखो बजट में बेताब आशाओं की धुंध है, सरकार ने बड़े बड़े वादे किए हैं पर असली मदद कब दिखेगी कब तक जनता को इंतजार करना पड़ेगा हर सेक्टर को धक्का देने की कोशिश में क्या सबको एक साथ ले जाया जा सकता है दिल से महसूस हो रहा है कि इस बार कुछ बदलना चाहिए लेकिन फिर भी देखना पड़ेगा कि ये शब्दों की परतें कितनी टिकेंगी कभी कभी तो ऐसा लगता है कि हम सब एक बड़े सर्कस में हैं जहाँ हर कोई अपना रोल निभा रहा है

  • Vishal Raj

    Vishal Raj

    जुलाई 2, 2024 AT 22:53

    बजट की कुल राशि को देखना एक बड़ा गणितीय ऑपरेशन है जो आम आदमी की समझ से परे लगता है लेकिन वास्तविकता में यह कई मौलिक पहलुओं को उजागर करता है
    पहले यह स्पष्ट है कि वित्तीय घाटा 5.9% से 5.8% तक घटाया गया है यह एक संकेत है कि सरकार राजस्व बढ़ाने के तरीकों को खोजना चाहती है
    दूसरा, कुल उधारी 14.13 लाख करोड़ रुपये और शुद्ध उधारी 11.75 लाख करोड़ रुपये रखी गई है यह आंकड़े दर्शाते हैं कि ऋण प्रबंधन अभी भी चुनौतीपूर्ण है
    तीसरा, रक्षा बजट को 4% बढ़ाकर 6.2 लाख करोड़ रुपये किया गया है जो सुरक्षा के पहलू को प्राथमिकता देता है
    चौथा, स्टार्ट‑अप्स को कर लाभ 31 मार्च 2025 तक बढ़ाया गया है इसका लक्ष्य नवाचार को प्रोत्साहित करना है
    पंचम, महिला सशक्तिकरण के तहत मुद्रा योजना के तहत 30 करोड़ ऋण प्रदान किए गए हैं यह आर्थिक समानता की दिशा में एक कदम है
    छठा, STEM पाठ्यक्रमों में 43% लड़कियों का नामांकन एक सामाजिक परिवर्तन को दर्शाता है
    सातवाँ, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में दो करोड़ अतिरिक्त घर बनाने का लक्ष्य रखा गया है यह ग्रामीण विकास के लिए महत्त्वपूर्ण है
    आठवाँ, पूंजीगत व्यय को 11% बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये किया गया है यह बुनियादी ढाँचा विकास को तेज करेगा
    नौवाँ, इस सभी पहल का मौलिक प्रश्न यह है कि वित्तीय संसाधन कहाँ से आएँगे क्योंकि राजस्व लक्ष्य अभी भी अनुमानित हैं
    दसवाँ, कर संरचना में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है यह दर्शाता है कि सरकार मौजूदा टैक्स प्रणाली को स्थिर रखना चाहती है
    ग्यारहवाँ, इस बजट में कोई नया कर प्रस्ताव नहीं है जो कुछ वर्गों को राहत दे सके
    बारहवाँ, यदि इन खर्चों को बिना बढ़ी हुई राजस्व के पूरा किया गया तो फिर भी आय में अंतराल बना रहेगा
    तेरहवाँ, इसलिए यह आवश्यक है कि नीति निर्माता निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान करे
    चौदहवाँ, अंत में यह कहा जा सकता है कि बजट का सफलता या विफलता इस पर निर्भर करेगी कि इन योजनाओं का कार्यान्वयन कितनी तेजी और पारदर्शिता से किया जाता है
    पन्द्रहवाँ, यदि सभी क्षेत्रों में समन्वय स्थापित हो और जनता को वास्तविक लाभ मिले तो यह बजट एक सकारात्मक मोड़ बन सकता है
    सोलहवाँ, यदि सभी क्षेत्रों में समन्वय स्थापित हो और जनता को वास्तविक लाभ मिले तो यह बजट एक सकारात्मक मोड़ बन सकता है

  • Kailash Sharma

    Kailash Sharma

    जुलाई 2, 2024 AT 22:56

    क्या बात है इस बजट की, जैसे पहाड़ी से गिरते पानी की धारा!
    वित्तीय घाटे को घटाने की बात सुनते‑ही दिल धड़कता है, लेकिन असली प्रभाव देखना बाकी है।
    रक्षा बँडवागन को बढ़ाना तो शेर की दहाड़ है, पर मज़बूत आर्थिक बुनियाद के बिना वह सिर्फ शोर रहेगा।
    स्टार्ट‑अप्स को कर राहत का वादा कर दिया गया, अब देखना है कि ये वादा पत्थर पर लिखे शब्द बनेंगे या नहीं।
    आइए, इस बजट को एक नई कहानी मानें, जहाँ हर पन्ना संरचना और संघर्ष से लिखा जाएगा।

  • Shweta Khandelwal

    Shweta Khandelwal

    जुलाई 2, 2024 AT 23:26

    सुनो सुनो ये बजट तो जैसे विदेशी हाथों से लिखा हुआ है, हर आंकड़ा एक छुपे इरादे की कहानी बताता है।
    क़रज के आंकड़े बढ़ रहे हैं और आधा पैसा तो कहीं और से आ रहा है, यही तो असली सच्चाई है।
    और वो रक्षा खर्च? बस एक दिखावा है ताकि जनता का भरोसा कायम रहे, असली शक्ति तो हमारे अपने हाथ में है।
    दुर्भाग्य से, सरकार बचपन से ही हमारे राष्ट्रीय अभिमान को धुंधला करने की कोशिश कर रही है।
    चलो तो सच्चाई को उजागर करें और अपने देश को फिर से असली दिशा में ले जाएँ।

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