तमिल अभिनेता दिल्ली गणेश: उनके शानदार करियर का जीवन वृत्तांत

दिल्ली गणेश: तमिल सिनेमा के प्रसिद्ध व्यक्तित्व

तमिल सिनेमा के जाने-माने अभिनेता, दिल्ली गणेश, का 9 नवंबर 2024 को उनका निधन हो गया। उनकी अभिनय यात्रा 1976 में आरंभ हुई, लेकिन उनकी पहचान 80 साल की उम्र तक भी अटल और स्मरणीय रही। उन्होंने अपनी पहली उपस्थिति के. बालाचंदर की फिल्म *पटिना प्रवेशम* में दी थी, जो तमिल फिल्म उद्योग में एक नई पहचान स्थापित करने के उनके कदम की शुरुआत थी। यह आश्चर्यजनक है कि उन्होंने अपने करियर में 400 से अधिक फिल्मों में विविध प्रकार के किरदार निभाए।

दिल्ली गणेश ने केवल तमिल ही नहीं, बल्कि तेलुगु और मलयालम फिल्मों में भी काम किया। यह उनकी बहुमुखी प्रतिभा का प्रमाण है कि वे हर प्रकार की भूमिका में स्वयं को ढाल लेते थे - चाहे वह सहायक भूमिका हो या प्रमुख भूमिका। *नायकन* (1987) और *माइकल मधाना कामा राजन* (1990) जैसी फिल्में उनका नाम फिल्मी जगत में अमर बना गईं।

पुरस्कार और सम्मान

उनकी अतुलनीय कला और योगदान के कारण, दिल्ली गणेश को अनेक पुरस्कारों से नवाजा गया। उन्होंने *पासी* (1979) में अपने जादुई अभिनय के लिए तमिलनाडु राज्य फिल्म पुरस्कार प्राप्त किया, जबकि 1994 में उन्हें कला मंच पर उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए कलैममणि पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

दिल्ली गणेश का बारे में खास बात यह थी कि वे केवल फिल्मों में ही सीमित नहीं रहे, बल्कि टेलीविजन और शॉर्ट फिल्म्स में भी अपने अभिनय की छाप छोड़ी। इस तरह, उन्होंने अपनी कला का विस्तार करते हुए फिल्म से लेकर टेलीविजन तक अपने दर्शकों को मनोरंजित किया।

उनकी प्रसिद्ध फिल्में

उनके करियर की प्रमुख फिल्में उनकी अभिनय क्षमता का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। उनमें से कुछ प्रमुख फिल्मों की सूची इस प्रकार है:

  • पटिना प्रवेशम (1977): उनकी अभिनय यात्रा इस फिल्म से आरंभ हुई, जिसमें उन्हें 'दिल्ली' का उपनाम दिया गया था।
  • पासी (1979): एक राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म, जिसमें उन्होंने साइकिल रिक्शा चालक की भूमिका निभाई।
  • एंगम्मा महारानी (1981): एक पारिवारिक व्यक्ति की प्रमुख भूमिका जिसमें उनका जीवन एक संबंध में उलझ जाता है।
  • सिंदु भैरवी (1985): इस फिल्म में उन्होंने एक कुशल मृदंगम वादक का किरदार निभाया।
  • चिदंबर रहस्य (1985): एक थ्रिलर जिस में उन्होंने ग्लैमरस जेंटलमेन से गैंगस्टर तक का परिवर्तन किया।
  • नायकन (1987): यहाँ उन्होंने एक नामांकित किरदार निभाया जो फिल्म में बलवान नायक के लिए समर्पित जाता है।
  • केड़ी बिल्ला किल्लाड़ी रंगा (2013): एक कॉमेडी-ड्रामा जिसमें एक सेवानिवृत्त पिता का किरदार निभाया, जो अपने पुत्र के जन्म से हुए खर्चों को नोट करता है।

दिल्ली गणेश का यह योगदान उनके समर्थकों और उनके प्रशंसकों के लिए एक अनुपम उपहार है। उन्होंने तमिल सिनेमा में जिस कार्य को छोड़ा, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का एक भव्य स्रोत रहेगा। अंतिम संस्कार के कार्यक्रम, जो 10 नवंबर 2024 को चेन्नई में होने वाले हैं, उनके प्रशंसकों के लिए उन्हें सम्मान देने का एक अवसर हैं।

दिल्ली गणेश की कला, समर्पण और अद्वितीय अभिनय शैली ने न केवल सिनेमा में बल्कि हर कला प्रेमी के दिल में अमिट छाप छोड़ी है। उनकी विरासत ऐसे अनेक कलाकारों के लिए प्रेरणास्रोत बनी है जो अभिनय के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं।

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