भारत में पिछले दशक में हुई प्रमुख रेल दुर्घटनाएं और उनकी वजहें

कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसा: एक दुखद रेल दुर्घटना

भारतीय रेल के इतिहास में कई दुखद दुर्घटनाएं हुई हैं, उनमें से एक हालिया हादसा है कंचनजंगा एक्सप्रेस का। 7 जून को पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी के पास यह एक्सप्रेस ट्रेन एक कंटेनर मालगाड़ी से टकरा गई। इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई और 25 से अधिक लोग घायल हो गए। इस दुर्घटना का सबसे दुखद पहलू यह था कि एक्सप्रेस ट्रेन के तीन पिछले डिब्बे पटरी से उतर गए।

गोरखधाम एक्सप्रेस 2014

भारतीय रेलवे के इतिहास में कई बड़ी दुर्घटनाएं हुई हैं। 2014 में, गोरखधाम एक्सप्रेस हिसार-गोरखपुर मार्ग पर चलते समय पटरी से उतर गई थी। इस हादसे की मुख्य वजह 'फ्रैक्चर ऑफ टंग रेल' बताई गई। इस दुर्घटना ने 29 यात्रियों की जान ले ली थी और 70 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

जनता एक्सप्रेस 2015

2015 में जनता एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश में स्टेशन पर रोकने में असफल रही, जिससे कई डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में 39 यात्रियों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हुए।

इंदौर-पटना एक्सप्रेस 2016

2016 में इंदौर-पटना एक्सप्रेस की दुर्घटना एक और गंभीर मामला है। पहले इसे आतंकी हमला माना गया था, लेकिन बाद में यह खुलासा हुआ कि हादसा तकनीकी खामी के कारण हुआ। इस दुर्घटना में 152 लोगों की जान चली गई थी।

हिराखंड एक्सप्रेस 2017

2017 में, हिराखंड एक्सप्रेस का हादसा हुआ जिसमें 40 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हुए।

2018 का अमृतसर हादसा

2018 में एक बड़ा हादसा हुआ जब दो ट्रेनें दशहरा उत्सव देख रहे लोगों की भीड़ से टकरा गईं। इस घटना में करीब 60 लोगों की जान चली गई।

सीमांचल एक्सप्रेस 2019

2019 में सीमांचल एक्सप्रेस की पटरी टूट जाने से 7 लोगों की मौत हो गई थी।

2020 की माईग्रैंट वर्कर्स की दुर्घटना

2020 में एक खाली मालगाड़ी ने ट्रैक पर सो रहे 16 माईग्रैंट वर्कर्स को कुचल दिया था।

बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस 2022

2022 में बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस की दुर्घटना में 10 लोग मारे गए और 40 से अधिक लोग घायल हुए। इस हादसे की वजह उपकरणों की विफलता बताई गई थी।

2023 का त्रि-ट्रेन टक्कर

2023 में सबसे हालिया त्रि-ट्रेन टक्कर की दुर्घटना हुई जिसमें शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस, बैंगलोर-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, और एक मालगाड़ी शामिल थे। इस हादसे में कम से कम 293 लोग मारे गए।

भारतीय रेलवे को सुरक्षित बनाने के उपाय

भारतीय रेलवे को सुरक्षित बनाने के उपाय

भारतीय रेलवे देश की परिवहन प्रणाली का एक मुख्य अंग है, लेकिन रेल दुर्घटनाएं लगातार हो रही हैं। इन हादसों को रोकने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं:

  • आधुनिकीकरण: रेलवे के उपकरणों और पटरियों का नियमित निगरानी और रखरखाव किया जाना चाहिए।
  • प्रशिक्षण: ड्राइवरों और अन्य रेलवे कर्मचारियों को नियमित प्रशिक्षण देकर संवेदनशीलता बढ़ाई जानी चाहिए।
  • तकनीकी सुधार: लेटेस्ट तकनीकों का उपयोग कर रेलवे प्रणाली को और अधिक सुरक्षित बनाया जाना चाहिए।
  • सामाजिक जागरूकता: यात्रियों और जनता को रेलवे सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए।
  • आपातकालीन सेवाएं: दुर्घटनाओं के बाद तुरंत प्रभाव से राहत और बचाव कार्यों को संचालित करने के लिए आपातकालीन सेवाओं को विकसित किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष

निष्कर्ष

भारतीय रेलवे के इतिहास में हुई ये घटनाएं गंभीर चिंता का विषय हैं। इन दुर्घटनाओं से न केवल जान-माल का नुकसान होता है, बल्कि इससे जनता का रेलवे पर विश्वास भी कम होता है। इन हादसों को रोकने के लिए सख्त उपायों की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को टाला जा सके और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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