IMD ने झारखंड के 10 जिलों में येलो अलर्ट जारी, भारी बारिश की चेतावनी

जब भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 6 अक्टूबर 2025 को झारखंड के दस जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया, तो निवासियों की चिंताएँ तुरंत बढ़ गईं। विभाग ने बताया कि नए पश्चिमी विक्षोभ के कारण अगले पाँच दिनों तक, यानी 6 से 10 अक्टूबर तक, राज्य के कई भागों में तीव्र वर्षा की संभावना है। इस चेतावनी में गोडा, साहिबगंज, दुमका और पाकुड़ जैसे जिलों को विशेष रूप से उल्लेखित किया गया है।

झारखंड में बारिश चेतावनी का विस्तार

झारखंड के गोडा जिले में सुबह 6 से 9 बजे के बीच 30‑45 mm की भारी बारिश की संभावना जताई गई, जबकि साहिबगंज में 40‑60 mm के बीच जलभंडारण की उछाल की उम्मीद है। दुमका और पाकुड़ में भी उसी अवधि में 35‑50 mm की वर्षा आ सकती है। विभाग ने चेतावनी दी कि तटस्थ तापमान में दो डिग्री तक गिरावट होगी, जिससे ठंडक के साथ साथ भारी धुंध और कम visibility की स्थिति बन सकती है।

स्थानीय जल प्राधिकरण ने बताया कि नदी स्तर पहले से ही उच्च है, विशेषकर राकेसिंहा और बागा नदि के किनारे। तदनुसार, बाढ़ जोखिम वाले क्षेत्रों में बाढ़‑बचाव टीमें तैयार रखी जाएँगी। "भारी बारिश के साथ साथ बाढ़ की आशंका भी बढ़ रही है," कहे संकट प्रतिक्रिया अधिकारी आरजी नायक, जो कोयला घाटी जिले में तैनात हैं।

देश भर में समान मौसम प्रभाव

IMD ने बताया कि झारखंड के साथ-साथ उत्तर भारत के कई हिस्सों में भी इस पश्चिमी विक्षोभ का असर दिखेगा। विशेष रूप से दिल्ली‑एनसीआर, पंजाब और हरीयाणा में 6 अक्टूबर को 40‑70 mm की बहुत भारी बारिश की संभावना है। इस वर्षा के साथ 30‑40 km/h तक की तेज हवाओं की भी चेतावनी जारी की गई, जिससे रफ़्तार वाले वाहनों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई।

कनाडा और कच्छ के तटवर्ती क्षेत्रों में 8‑9 अक्टूबर को हल्की‑मध्यम बारिश की उम्मीद है, जबकि गोवा‑सौराष्ट्र में 8 अक्टूबर को 20‑35 mm की बवंडर‑समान बरसात दर्ज की जा सकती है।"यह सप्ताह न केवल भारत बल्कि दक्षिण‑एशिया के कई हिस्सों में असामान्य जलवायु परिवर्तनों का संकेत देता है," नोट कर रहे हैं डॉ. रवींद्रवन्त पटेल, जो इंडियन इन्स्टिट्यूट ऑफ टेरेनरी रीसर्च के वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं।

स्थानीय अधिकारियों की प्रतिक्रिया

स्थानीय अधिकारियों की प्रतिक्रिया

झारखंड सरकार ने अपने विभागीय वेबसाइट पर प्रतिबंधित क्षेत्रों की सूची प्रकाशित कर दी है। मुख्य मंत्री बननेराज सिंह ने कहा, "हम सबको यह संदेश देना चाहते हैं कि आपातकालीन परिस्थितियों में सुरक्षा अनिवार्य है।" उन्होंने स्थानीय पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और वन्यजीव संरक्षण समूहों को समन्वय करने का निर्देश दिया।

जिला प्रबंधन अधिकारी (DM) हरियाणा ने भी समान चेतावनियों को लागू किया है। वह बता रहे हैं कि "आपातकालीन राहत केन्द्रों का संचालन 24 घंटे जारी रहेगा और प्रभावित परिवारों को अस्थायी आश्रय प्रदान किया जाएगा।" इस दौरान, कई स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है, क्योंकि जल-स्तर बढ़ने से बाढ़ वाले क्षेत्रों में पहुँच बाधित हो सकती है।

निवासियों पर संभावित असर

स्थानीय किसान रजनीश दास (जॉ बंधन गांव, दुमका) के अनुसार, बारिश की तेज़ी से फसलों को झटका लग सकता है। "पिछले साल की तरह जब अत्यधिक वर्षा हुई थी, तब हमारी धान की कटाई आधी रह गई थी," उन्होंने कहा। अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में 10‑12 mm/घंटा की तेज़ बारिश की संभावना है, जिससे जलभराव, गीले रास्ते और गिरे हुए पेड़ के कारण ट्रैफिक जाम हो सकता है।

बिजली विभाग भी चेतावनी जारी कर रहा है कि तेज़ वज्रपात और तेज़ हवाओं के कारण ट्रांसफ़ॉर्मर व ओवरहेड लाइन में शॉर्ट सर्किट हो सकता है। इस कारण रात के समय बिजली कटौती की संभावना रहेगी। "हमारी टीमें तैयार हैं और आपातकालीन मरम्मत कार्य के लिए बसों को तैनात किया गया है," बताता है मुख्य अभियंता सविता रॉय झारखंड विद्युत वितरण कंपनी (JBVNL) की।

आगे की संभावनाएँ और तैयारी

आगे की संभावनाएँ और तैयारी

IMD ने अगले दो हफ्तों के लिए एक विस्तृत “पश्चिमी विक्षोभ मॉनिटरिंग कार्यक्रमभारतीय उपमहाद्वीप” जारी किया है। इस कार्यक्रम में निरंतर रडार मॉनिटरिंग, वायु दबाव पैटर्न का विश्लेषण और संभावित बाढ़‑प्रभावी क्षेत्रों की पहचान शामिल है।

विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि नागरिकों को घर के बाहर रखे अपसक्लॉथ, टॉरच, ट्रेकिंग जूतों और प्राथमिक उपचार किट तैयार रखनी चाहिए। साथ ही, जल निकासी प्रणाली की सफाई कराना और अपने घर के नीचे की निचे के दरवाज़े को सील कर रखना उपयोगी रहेगा। "बादलों का मार्ग बदलता रहता है, परंतु तैयारी में देर नहीं करनी चाहिए," एक अनुभवी मौसम विज्ञानी ने कहा।

  • मुख्य चेतावनी: 6‑10 अक्टूबर 2025 को झारखंड के 10 जिलों में भारी‑बहुत भारी बारिश की संभावना।
  • तापमान में गिरावट: 2 डिग्री सेल्सियस तक, जो स्थानीय लोगों को ठंडक प्रदान करेगा।
  • भूस्खलन जोखिम: विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों में, जहाँ गिली मिट्टी अस्थिर हो सकती है।
  • बड़ी राहत दल: राज्य सरकार और राष्ट्रीय स्तर पर आपदा प्रबंधन टीमें तैनात।
  • सुरक्षा उपाय: बुनियादी आपातकालीन किट, जल स्तर की निरंतर निगरानी और सड़क यात्रा में सावधानी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

झारखंड में भारी बारिश से किसे सबसे अधिक जोखिम है?

मुख्यतः नदी किनारे रह रहे लोग, किसान जो धान की फसल उगाते हैं, और पहाड़ी क्षेत्रों के निवासी जिन्हें भूस्खलन का खतरा रहता है। उपयुक्त आश्रय और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने से जोखिम कम किया जा सकता है।

इंडियन मौसम विज्ञान विभाग ने इस अलर्ट को क्यों येलो स्तर पर रखा?

येलो अलर्ट का मतलब है कि संभावित जोखिम मध्यम है, लेकिन सावधानी आवश्यक है। इस समय विभाग ने देखा कि बारिश का प्रमाण थोक में है, परन्तु अभी तक बाढ़‑प्रभावी स्तर तक नहीं पहुँचा, इसलिए येलो उपयुक्त माना गया।

दिल्ली‑एनसीआर में मौसम के बदलाव से लोगों को क्या करना चाहिए?

तीव्र हवाओं और भारी बारिश के कारण अचानक जलभराव हो सकता है। इसलिए, बेहतर होगा कि यात्रा योजनाओं को पुनर्समीक्षा करें, जलरोधक जूते रखें और घर के बाहर बाती-पानी से बचें। बिजली कटौती की संभावना रहे तो बैकअप लाइट तैयार रखें।

भविष्य में इस तरह के मौसम पैटर्न को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है?

विज्ञान की बात करें तो, जलवायु परिवर्तन के कारन मौसमी पैटर्न अधिक अस्थिर हो रहे हैं। सख्त उत्सर्जन नीतियों, अधिक वनीकरण और मौसम विज्ञान में सटीक पूर्वानुमान प्रणालियों को विकसित करने से दीर्घकालिक प्रभाव को घटाया जा सकता है।

टिप्पणि:

  • arun kumar

    arun kumar

    अक्तूबर 6, 2025 AT 19:04

    भारी बारिश का अलर्ट देखके दिल थोड़ा धड़क रहा है, पर याद रखो कि हम मिलकर इसको आसान बना सकते हैं। हर कोई अपने घर की नाली साफ रखे, पानी का रिसाव कम होगा। साथ ही, बाढ़ बचाव टीमों की मदद के लिए तैयार रहना हमारे सामुदायिक जिम्मेदारी का हिस्सा है। चलो, एकजुट होकर इस चुनौती को पार करें।

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