भारत में सड़क हादसे के पीड़ितों को मिलेगी कैशलेस चिकित्सा सुविधा: नितिन गडकरी

भारत में सड़क हादसों के पीड़ितों को मिलेगा कैशलेस उपचार

भारत में सड़क हादसों के पीड़ितों को अब चिकित्सा के लिए कैशलेस सेवा मिलने जा रही है। यह महत्वपूर्ण घोषणा केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने की है। गडकरी के अनुसार, यह योजना फिलहाल पायलट आधार पर चंडीगढ़ और असम में लागू की जा रही है, और इसका मुख्य उद्देश्य सड़क हादसों में घायल लोगों को तुरंत चिकित्सा सहायता प्रदान करना है।

योजना का कार्यान्वयन और लाभ

यह योजना सड़क हादसे के बाद सात दिनों तक कैशलेस उपचार प्रदान करती है। हादसे के दिन से ही यह सेवा उपलब्ध होगी और इसमें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना (ABPM-JAY) के तहत शामिल अस्पतालों में 1.5 लाख रुपये तक का इलाज शामिल है। इस योजना के तहत बहुत गंभीर रूप से घायल या polytrauma पीड़ितों को तुरंत और आवश्यक चिकित्सा सेवा प्राप्त होगी, जो उनकी जान बचाने के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी।

इस योजना की लागत मोटर वाहन दुर्घटना फंड से वहन की जाएगी, जो मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 164B के तहत आता है। इसका क्रियान्वयन और निगरानी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) करेगी, जो पुलिस, अस्पतालों, स्वास्थ्य एजेंसियों और जनरल इंश्योरेंस काउंसिल के साथ समन्वय स्थापित करेगी।

डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग

इस योजना के तहत डिजिटल प्लेटफॉर्म का भी उपयोग किया जाएगा, जो आवेदन प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने और हादसे के तुरंत बाद के 'गोल्डन आवर' में चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करने के लिए है। यह डिजिटल प्रणाली सुनिश्चित करेगी कि पीड़ित के परिवार और उपचारकर्ता को किसी प्रकार की देरी या परेशानी का सामना न करना पड़े।

सरकार का व्यापक उद्देश्य

इस योजना की शुरुआत सरकार के व्यापक उद्देश्य का हिस्सा है, जो भारत में सड़क हादसों की संख्या को कम करना है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2022 में कुल 4.61 लाख सड़क हादसे दर्ज किए गए, जिनमें 1.68 लाख मौतें हुईं और 4.43 लाख लोग घायल हुए। भारत में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या विश्व में सबसे अधिक है और इसे कम करने के लिए सरकार ने 2030 तक सड़क हादसों की संख्या को आधी करने का लक्ष्य रखा है।

यदि यह पायलट योजना सफल होती है, तो इसे पूरे देश में लागू करने की योजना है। इस योजना के कार्यान्वयन से न केवल सड़क हादसों में घायल लोगों को जीवन रक्षक सहायता मिलेगी, बल्कि इससे सड़क सुरक्षा को लेकर भी जनता में जागरूकता बढ़ेगी।

कैसे मिलेगी मदद

यह योजना एक जुनूनी प्रयास है जो दुर्घटना के बाद 'गोल्डन आवर' के दौरान महत्वपूर्ण चिकित्सा सहायता प्रदान करेगी। इसके अंतर्गत आने वाले सभी अस्पतालों को एक सूचीबद्ध नेटवर्क बनाया गया है, जहां पीड़ित तुरंत उपचार प्राप्त कर सकते हैं। हादसे की सूचना मिलते ही, स्थानीय पुलिस और संबंधित एजेंसियों को तुरंत अधिसूचित किया जाएगा और वे आवश्यक कार्रवाई करेंगे। सामुदायिक सदस्य भी इस प्रक्रिया में शामिल होंगे, ताकि किसी भी प्रकार की देरी से बचा जा सके और पीड़ित को समय पर मदद मिल सके।

आशावाद और भविष्य की योजना

नितिन गडकरी ने बताया कि इस योजना के माध्यम से सरकार सड़क हादसों की भयावहता को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रही है। यदि यह योजना सफल होती है, तो इसे देश के अन्य हिस्सों में भी जल्दी ही लागू किया जाएगा। इससे सड़कों की सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा और नागरिकों की जान बचाने में मदद मिलेगी।

इस योजना की सफलता न केवल सरकार की संभावित योजनाओं का हिस्सा है, बल्कि इसका उद्दश्य नागरिकों को विश्वास दिलाना है कि उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर है। इस प्रकार की पहल से न केवल पीड़ितों को तत्काल चिकित्सा सहायता मिलेगी, बल्कि देश में सड़क सुरक्षा को भी नया आयाम मिलेगा।

जनता में उम्मीद

सामाजिक कार्यकर्ताओं और सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों ने भी इस योजना का स्वागत किया है। उनका मानना है कि यदि इस योजना को सही तरीके से लागू किया जाता है, तो सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में निश्चित रूप से बड़ी कमी आएगी। सामाजिक जागरुकता और चिकित्सकीय सहायता दोनों मिलकर सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

यह योजना एक नए युग की शुरुआत हो सकती है, जहां सड़क हादसे के बाद बिना किसी आर्थिक बोझ के तुरंत और आवश्यक चिकित्सा सेवा मिल सकेगी। यह पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए एक बड़ी राहत होगी और उन्हें एक नई उम्मीद देगी।

समाज का योगदान

सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम को सफल बनाने के लिए समाज का भी योगदान महत्वपूर्ण है। सड़क दुर्घटना के समय आम नागरिकों का सहयोग और जागरूकता इस योजना की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यदि कोई व्यक्ति सड़क हादसे का गवाह बनता है, तो उसे तुरंत पुलिस और आपातकालीन सेवाओं को सूचित करने में संकोच नहीं करना चाहिए।

इस प्रकार की योजना को सफल बनाने में जनता की भागीदारी और सामूहिक प्रयास अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह योजना न केवल सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि सड़क परिवहन और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।

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