बुड़ाव में 25 साल के जितेश गुप्ता ने जिला कार्यालय में विष सेवन, झूठे यौन आरोपों से बचने का दावा

विष सेवन की घटना और प्राथमिक बयान
बुड़ाव जिले के कलेक्टरैट कार्यालय में मंगलवार को एक अजीब दृश्य सामने आया। 25 वर्षीय जितेश गुप्ता ने अचानक रजाई के नीचे से एक बोतल निकाली और उसमें से विष का सेवन कर लिया। तुरंत उन्हें निकटतम जिला अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने बताया कि वह गंभीर स्थिति में है। गुप्ता ने दावा किया कि उसे यौन अपराध एवं बाल यौन शोषण (POCSO) धारा के तहत झूठे आरोपों में फँसा दिया गया है।

परिवार और पुलिस का परस्पर विरोधी बयान
गुप्ता के भाई अंकित गुप्ता ने मीडिया को बताया कि 10 सितंबर को एक महिला ने उनकी बहन की 15‑साल की बेटी के विरुद्ध यौन बलात्कार का FIR दर्ज करवाई थी। अंकित का कहना है कि यह पूरी तरह से बनाएँ बनावटी आरोप हैं; उनके पास वीडियो साक्ष्य है जिसमें दिखता है कि उनका भाई अपराध की जगह पर नहीं था। वह यह भी जोड़ते हैं कि शिकायत करने वाली महिला का एक मंत्री से घनिष्ट रिश्ता है, जिसने अपनी ताकत का इस्तेमाल कर पुलिस को दबाया और पूरे परिवार को अपराधी बना दिया।
दूसरी ओर, केस को संभाल रहे एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि जितेश के खिलाफ यौन अपराध के अलावा दो अन्य FIR भी दर्ज हैं। अधिकारी ने कहा, "यदि गुप्ता सच में निर्दोष है, तो अदालत में गवाह पेश करने चाहिए।" उन्होंने यह भी बताया कि गुप्ता पहले कई महीनों से फरार था, इसलिए अब अस्पताल में उसकी सुरक्षा धरी गई है और वह ठीक होते ही गिरफ्तार किया जाएगा।
पुलिस की जानकारी के अनुसार, अन्य दो FIR में गुप्ता को चोरी‑धोखा और स्थानीय स्तर पर उठे छोटे‑मोटे झगड़े के लिए आरोपित किया गया था। इन मामलों की जांच अभी चल रही है और आगे की कार्रवाई अदालत के आदेशानुसार होगी।
- FIR‑1: यौन बलात्कार और POCSO उल्लंघन (10 सितंबर)
- FIR‑2: स्थानीय चोरी‑धोखा मामला
- FIR‑3: झुग्गी स्तर पर विवाद से उत्पन्न मामला
भाइयों ने कहा कि वे वीडियो साक्ष्य को सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं, लेकिन अदालत में पेश करेंगे। उन्होंने मीडिया से अपील की कि इस मामले को निष्पक्ष रूप से चलने दिया जाए, क्योंकि राजनीतिक दबाव से सच्चाई छिपी रहने का डर है।
विष सेवन के बाद गुप्ता को दवाओं की मदद से बचाया गया, लेकिन उसकी स्थिति अभी भी गंभीर मानी जा रही है। जिला अस्पताल में सुरक्षा का इंतजाम हो चुका है, और पुलिस ने कहा कि वह स्वास्थ्य से ठीक होते ही हिरासत में ले लिया जाएगा।