डब्ल्यूवी रमन और गौतम गंभीर के बीच भारतीय कोच पद के लिए जबरदस्त टक्कर, गूढ़ सोशल मीडिया पोस्ट ने बढ़ाई दिलचस्पी

भारतीय क्रिकेट के लिए नया कोच चुनने की प्रक्रिया में अब अंतिम दौर की चर्चा हो रही है, जिसमें डब्ल्यूवी रमन और गौतम गंभीर के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने मंगलवार को क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) द्वारा दोनों उम्मीदवारों का साक्षात्कार आयोजित किया था, जिसमें उनके पहले प्रस्तुत किए गए योजनाओं का मूल्यांकन किया गया। बुधवार को दूसरे दौर का साक्षात्कार होना है, जिसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक, डब्ल्यूवी रमन का प्रस्तुतिकरण खूब सराहा गया है। उनके योजनाओं और दृष्टिकोण ने सीएसी को बेहद प्रभावित किया है। दूसरी ओर, गौतम गंभीर को अब भी इस पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। गंभीर की क्रिकेट में मजबूत पकड़ और उनकी नेतृत्व क्षमता ने उन्हें सबसे आगे रखा हुआ है।

इस बीच, डब्ल्यूवी रमन द्वारा सोशल मीडिया पर साझा की गई दो शब्दों की पोस्ट 'Oh dear' ने सभी को अचरज में डाल दिया है। इस पोस्ट के पीछे के मायने अब तक साफ नहीं हो पाए हैं, लेकिन इससे जुड़ी चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। कुछ क्रिकेट विशेषज्ञ मानते हैं कि यह पोस्ट चयन प्रक्रिया में उनके योगदान और उनसे जुड़े प्रचार के बारे में हो सकती है।

गंभीर कोच पद के लिए अकेले उम्मीदवार समझे जा रहे हैं और अगले 48 घंटों में उनके नाम की घोषणा बस औपचारिकता मानी जा रही है। सीएसी के साथ हुई चर्चा में अगले तीन वर्षों के लिए भारतीय क्रिकेट का खाका प्रस्तुत किया गया है, जिसमें तीन आईसीसी टूर्नामेंट्स को भी शामिल किया गया है।

गौरतलब है कि वर्तमान कोच राहुल द्रविड़ ने अमेरिका में होने वाले टी20 विश्व कप के बाद पद छोड़ने का निर्णय लिया हुआ है। बीसीसीआई जल्द ही एक अपेक्स काउंसिल बैठक आयोजित कर अपने सदस्यों को कोच चयन प्रक्रिया से अवगत कराएगा, जिससे अंतिम घोषणा से पहले सभी को जानकारी मिल सके।

इस चयन प्रक्रिया के दौरान, सीएसी द्वारा नॉर्थ जोन के चयनकर्ता पद के लिए उम्मीदवारों का साक्षात्कार भी लिया जा रहा है। यह प्रक्रिया बीसीसीआई की नई चयन रणनीति और ईमानदार व पारदर्शी चयन प्रक्रिया का हिस्सा है।

भारतीय क्रिकेट में कोच का चयन हमेशा ही एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय रहा है। कोच का प्रभाव टीम के प्रदर्शन और दिशा दोनों पर गहरा प्रभाव डालता है। ऐसे में डब्ल्यूवी रमन और गौतम गंभीर जैसे अनुभवी और कुशल उम्मीदवारों के बीच का यह मुकाबला निश्चित ही रोमांच और उत्साह से भरा हुआ है।

डब्ल्यूवी रमन ने 1980 और 1990 के दशक में टीम इंडिया के लिए खेलते हुए अपनी पारखी नजर और क्रिकेट समझ के लिए पहचान बनाई। जबकि, गौतम गंभीर ने हाल ही में आईपीएल में कोचिंग अनुभव से खुद को साबित किया है।

जैसे-जैसे फैसले की घड़ी नजदीक आ रही है, क्रिकेट प्रेमियों की उत्सुकता बढ़ती जा रही है। क्या डब्ल्यूवी रमन अपनी योजनाओं से चयन करके चौंका पाएंगे या फिर गौतम गंभीर का नेतृत्व और अनुभव उन्हें इस पद पर काबिज करेगा, यह देखना बेहद दिलचस्प होगा।

टिप्पणि:

  • ಹರೀಶ್ ಗೌಡ ಗುಬ್ಬಿ

    ಹರೀಶ್ ಗೌಡ ಗುಬ್ಬಿ

    जून 19, 2024 AT 20:25

    सभी इस ‘ऑह डिअर’ को लव प्लेज़र समझ रहे हैं, पर असल में यह बस चयन प्रक्रिया की बोरिंग चाल है।

  • chandu ravi

    chandu ravi

    जून 21, 2024 AT 00:11

    ये टक्कर दिल धड़काने वाली है 😍! डब्ल्यूवी रमन की प्लान्स सुन के तो मैं फैन हो गया 😭💔, लेकिन गौतम गंभीर का ट्रैक रिकॉर्ड भी कमाल का है 🙌🔥. सबको बेस्ट कॉच चाहिए, नहीं तो टीम फिर से गिरती रहेगी 🤞.

  • Neeraj Tewari

    Neeraj Tewari

    जून 22, 2024 AT 03:58

    क्रिकेट कोच का चयन केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि एक विचारधारा का प्रतीक है। जब दो बड़े दिमाग टकराते हैं, तो एक नई दिशा का जन्म हो सकता है। डब्ल्यूवी रमन अपने पुराने अनुभव को नई तकनीक के साथ जोड़ते हैं, जो एक संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है। वहीं गौतम गंभीर का ताज़ा आईपीएल अनुभव टीम के मनोबल को ऊँचा रखने में सहायक हो सकता है। हमारी अपेक्षा है कि नया कोच न केवल तकनीकी पहलू देखे, बल्कि खिलाड़ियों की मानसिक तंदुरुस्ती भी बनाए। एक कोच को चाहिए कि वह रणनीति और भावना दोनों को समेटे, जिससे खिलाड़ियों में आत्मविश्वास का संचार हो। भविष्य के परीक्षणों के लिए लंबी योजना बनाते समय, छोटे‑छोटे कदमों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। परिणामस्वरूप, अगर चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता रहे, तो fans का भरोसा भी बना रहेगा। 'Oh dear' जैसी दो शब्दों की पोस्ट शायद दर्शाती है कि चयन प्रक्रिया के पीछे दबाव भी है। पर दबाव को रचनात्मक रूप में बदलना ही असली कला है। यदि रमन इन दबावों को सकारात्मक ऊर्जा में बदल सकते हैं, तो वह टीम को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकते हैं। वहीं अगर गंभीर युवा ऊर्जा और नई विचारधारा लाते हैं, तो वह भी एक सफल यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं। अंततः, कोच का लक्ष्य जीत नहीं, बल्कि टीम को सच्ची खेल भावना सिखाना होना चाहिए। इस दिशा में सही चुनाव करने से भारत की क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ जाएगा। आइए, इस चयन को एक अवसर मानें, जिससे हम भविष्य में और अधिक गर्व महसूस कर सकें।

  • Aman Jha

    Aman Jha

    जून 23, 2024 AT 07:45

    रमन और गंभीर दोनों ही अपने‑अपने ध्रुवीकरण को लेकर आए हैं; हमें दोनों की ताकतों को समझकर एक सामंजस्यपूर्ण दिशा चुननी चाहिए। इस बहस में धैर्य रखकर, हम टीम के हित को प्राथमिकता दे सकते हैं।

  • Mahima Rathi

    Mahima Rathi

    जून 24, 2024 AT 11:31

    हर बार नया कोच, वही पुरानी सिचुएशन 🙄. जबकि बेस्ट का चयन करना है तो मेटा‑एनालिसिस से हटकर वास्तविक डेटा चाहिए 📊.

  • Jinky Gadores

    Jinky Gadores

    जून 25, 2024 AT 15:18

    ऐसे टॉपिक्स में दिल की बात बयां करूँ तो कमाल की टेंशन है 😢 लेकिन शाब्दिक विश्लेषण नहीं चाहिए बस महसूस करो

  • Vishal Raj

    Vishal Raj

    जून 26, 2024 AT 19:05

    मैं कह रहा हूँ ये सब धुंधला पन्ना है कोई सच्ची दिशा नहीं बस शोबाज़ी है

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