दिल्ली में मॉनसून की दस्तक: गर्मी से राहत, लेकिन कुछ हिस्सों में जलभराव
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दिल्ली में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगमन की आधिकारिक घोषणा करते हुए कहा कि राजधानी ने शुक्रवार की सुबह भारी बारिश का अनुभव किया। इस बारिश ने दिल्लीवासियों को प्रचंड गर्मी से राहत दी, जो लंबे समय से तप रही थी। भारी बारिश ने राजधानी के कई हिस्सों में जलभराव की स्थिति पैदा कर दी।
दिल्ली हवाई अड्डे के टर्मिनल 1 पर छत का एक हिस्सा बारिश की वजह से गिर गया, जिसके कारण कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और कई उड़ानें विलंबित हुईं। यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा। इस घटना के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए संबंधित अधिकारियों ने तत्काल कदम उठाए हैं।
आईएमडी की भविष्यवाणी और मॉनसून का अगला कदम
आईएमडी के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने पश्चिम राजस्थान के कुछ हिस्सों, हरियाणा के कुछ हिस्सों, पूरे दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और पूर्व उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी अपना प्रभाव जमाया है।
आईएमडी ने यह भी बताया है कि आने वाले 2-3 दिनों में स्थितियां और भी अनुकूल बनेंगी और मॉनसून पश्चिम राजस्थान के और भी अन्य हिस्सों, हरियाणा के शेष हिस्सों, पूरे चंडीगढ़, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू के शेष हिस्सों में आगे बढ़ेगा।
मॉनसून के कारण हो रही समस्याएं और तैयारियां
मॉनसून के आगमन के साथ ही दिल्ली में कई समस्याएं भी उत्पन्न हो रही हैं। जलभराव, यातायात बाधित और विद्युत आपूर्ति में बाधाएँ इसका प्रमुख कारण बन रही हैं। राजधानी के लोगों को इस मॉनसून सीजन में सुरक्षित और सतर्क रहने की आवश्यकता है।
दिल्ली नगर निगम और अन्य संबंधित एजेंसियाँ जलभराव से निपटने के लिए मशीनरी और कर्मचारी तैनात कर चुकी हैं। जहां एक ओर बारिश से तापमान में गिरावट और गर्मी से राहत जैसे लाभ मिल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जलभराव और यातायात जाम जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो रही हैं।
मॉनसून के लाभ और चुनौतियाँ
मॉनसून दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों के लिए कई तरह के लाभ लेकर आता है। सबसे पहले, यह कृषि क्षेत्र को बहुत फायदा पहुँचाता है। बारिश की वजह से किसानों की खेती-बाड़ी अच्छी तरह से हो पाती है और फसलों की वृद्धि में मदद मिलती है।
दूसरी ओर, मॉनसून के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बारिश के मौसम में प्रदूषण का स्तर कम हो जाता है, जिससे सांस लेने में राहत मिलती है। वहीं, पेड़-पौधे हरे-भरे हो जाते हैं, जो राजधानी की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं।
लेकिन, मॉनसून के दौरान चुनौतियाँ भी कम नहीं होतीं। सड़कें जलमग्न हो जाने से यातायात बाधित होता है और लोगो को यात्रा में कठिनाई होती है। साथ ही, बारिश के पानी से गंदगी और सड़कों पर कीचड़ बढ़ जाता है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ जाता है।
संक्रमण बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है, इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे अपनी और अपने परिवार की सावधानी बरतें और स्वच्छता का ध्यान रखें।
मॉनसून के दौरान सुरक्षित रहने के उपाय
मॉनसून के मौसम में सुरक्षित रहने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले, उन इलाकों से बचें जहां जलभराव की समस्या होती है। शहर के विभिन्न हिस्सों में यात्रा करते समय सुरक्षित मार्गों का चयन करें।
यात्रा करते समय अपने पास छाता और रेनकोट रखना भी आवश्यक है। वाहन चलाते समय गति को नियंत्रित रखें और जलभराव वाले क्षेत्रों से वाहन को गुजरने से बचाएं।
स्वास्थ्य सेवाओं का पूर्ण ध्यान रखें। बारिश के मौसम में जलजनित और मच्छरजनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए पानी को उबालकर पियें और मच्छरों से बचाव के लिए पूरी बांह के कपड़े पहनें।
स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे घरों के आसपास सफाई रखें और पानी जमा न होने दें। पानी को ढककर रखें और नियमित रूप से कीटनाशक का छिड़काव करें।
अंत में, मॉनसून दिल्लीवासियों के लिए राहत और चुनौतियों का मिला-जुला वक्त लाता है। इसे स्वीकार कर सही प्रबंध और सतर्कता के साथ इसे और भी सुखद और सुरक्षित बना सकते हैं। मौसम की जानकारी के लिए नियमित रूप से आईएमडी की वेबसाइट और अन्य स्रोतों पर नज़र रखें।
Pankaj Raut
जून 28, 2024 AT 20:56