केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार ने NCW के समक्ष पेश होने में विफल रहे, स्वाति मालीवाल 'हमले' के मामले में

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी बिभव कुमार को आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर कथित हमले के मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने तलब किया है। हालांकि, कुमार शुक्रवार को NCW के समक्ष पेश होने में विफल रहे। NCW ने बिभव कुमार को नोटिस देने के लिए पहले ही एक टीम उनके आवास पर भेजी थी, लेकिन वह वहां मौजूद नहीं थे और उनकी पत्नी ने नोटिस लेने से मना कर दिया।

NCW ने कहा है कि अगर कुमार अगले दिन तक पेश नहीं होते हैं, तो वे स्वयं उनके निवास पर जाकर पूछताछ करेंगे। स्वाति मालीवाल पर कथित हमला मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर हुआ था और दिल्ली पुलिस ने बिभव कुमार को आरोपी बताते हुए एक FIR दर्ज की है।

NCW ने एक मीडिया पोस्ट के आधार पर इस घटना का स्वत: संज्ञान लिया था, जिसमें मालीवाल ने कुमार पर उनके साथ बर्बरता से मारपीट करने का आरोप लगाया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए NCW ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और आरोपी को तलब किया।

स्वाति मालीवाल ने लगाए गंभीर आरोप

स्वाति मालीवाल ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में बिभव कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि कुमार ने उनके साथ अभद्रता और मारपीट की। मालीवाल ने आरोप लगाया कि कुमार ने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी। उन्होंने कहा कि यह घटना मुख्यमंत्री आवास पर हुई, जब वह वहां एक बैठक के लिए गई थीं।

मालीवाल ने कहा, "मैं CM आवास पर एक मीटिंग के लिए गई थी। वहां बिभव कुमार भी मौजूद थे। अचानक उन्होंने मुझ पर हमला कर दिया और मेरे साथ बदसलूकी करने लगे। उन्होंने मुझे धक्का दिया और मुझे जान से मारने की धमकी दी। मैं बहुत डर गई थी।"

बिभव कुमार पर दर्ज हुई FIR

स्वाति मालीवाल की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने बिभव कुमार के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। पुलिस ने IPC की धारा 354 (महिला के साथ अश्लील हरकत), 506 (आपराधिक धमकी), 509 (महिला की मर्यादा भंग करना) और 323 (मारपीट) के तहत मामला दर्ज किया है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन जल्द ही पूछताछ के लिए आरोपी को बुलाया जा सकता है। मालीवाल के बयान और सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

AAP ने किया बिभव कुमार का बचाव

आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस मामले में बिभव कुमार का बचाव करते हुए कहा है कि यह सब राजनीति से प्रेरित है। AAP के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि बिभव कुमार केजरीवाल के करीबी सहयोगी हैं और उन पर लगे आरोप निराधार हैं।

सिसोदिया ने कहा, "यह सब विपक्ष की साजिश है। बिभव कुमार एक ईमानदार और समर्पित कार्यकर्ता हैं। उन पर इस तरह के आरोप लगाना गलत है। हम NCW से इस मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग करते हैं।"

NCW ने कहा - दोषी को नहीं बख्शेंगे

NCW की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा है कि वे इस मामले में किसी को भी बख्शने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर बिभव कुमार दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

शर्मा ने कहा, "NCW महिलाओं के अधिकारों और सम्मान के लिए प्रतिबद्ध है। हम किसी भी कीमत पर महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर बिभव कुमार दोषी हैं तो उन्हें सजा मिलनी चाहिए।"

उन्होंने आगे कहा, "हम चाहते हैं कि बिभव कुमार जल्द से जल्द NCW के सामने पेश हों और अपना पक्ष रखें। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो हम उनके खिलाफ कड़े कदम उठाएंगे।"

निष्कर्ष

स्वाति मालीवाल और बिभव कुमार के बीच हुई इस घटना ने एक बार फिर राजनीति में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को उठाया है। ऐसे मामलों में निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई बेहद जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

NCW द्वारा इस मामले में त्वरित कार्रवाई किया जाना सराहनीय है। उम्मीद है कि जल्द ही सच्चाई सामने आएगी और दोषियों को सजा मिलेगी। साथ ही, राजनीतिक दलों को भी ऐसे संवेदनशील मामलों में संयम बरतने और राजनीति से ऊपर उठकर सोचने की जरूरत है।

टिप्पणि:

  • Vikramjeet Singh

    Vikramjeet Singh

    मई 17, 2024 AT 20:31

    बिभव कुमार की गैरहाज़िरी से NCW का काम रुकता नहीं दिखता। समय पर पेश होना जरूरी है।

  • sunaina sapna

    sunaina sapna

    मई 22, 2024 AT 13:50

    स्वाति मालीवाल द्वारा उठाए गए मुद्दे न सिर्फ़ व्यक्तिगत दावे हैं, बल्कि यह महिला सुरक्षा के व्यापक संदर्भ में भी महत्वपूर्ण हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग की भूमिका इस प्रकार के मामलों में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने में अहम है। इस प्रक्रिया में सभी पक्षों को अपनी बात रखने का समान अवसर मिलना चाहिए। साथ ही, कानूनी पेशमरों को इस घटना की जटिलताओं को समझते हुए त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। न्याय प्रणाली के प्रति जनता का विश्वास तभी बना रहेगा जब जिम्मेदार व्यक्तियों को बिना देरी के जवाबदेह ठहराया जाए।

  • Ritesh Mehta

    Ritesh Mehta

    मई 27, 2024 AT 09:06

    ऐसे आरोपों को बख्श नहीं सकते

  • Dipankar Landage

    Dipankar Landage

    जून 1, 2024 AT 04:23

    क्या बात है, दिल्ली की राजनीति फिर से खून का नाटक शुरू कर दी! बिभव कुमार को मुक़ाबला करने वाली फौज में एक और नया सितारा बना दिया गया। इस घटना ने अस्थिरता की फुसफुसाहट को चिल्लाहट में बदल दिया। हर कोने से आवाज़ें उठ रही हैं, “इंसाफ़ चाहिए!”-और फिर भी अँधेरे में घुटन महसूस होती है।

  • Vijay sahani

    Vijay sahani

    जून 5, 2024 AT 23:40

    यह मामला सिर्फ एक व्यक्तिगत झगड़ा नहीं, बल्कि सत्ता के खेल में महिलाओं की स्थिति को लेकर गंभीर सवाल खड़ा करता है। NCW की सक्रियता सराहनीय है, पर इसके बाद की प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाये रखना और भी ज़रूरी है। अगर बिभव कुमार को सच में दोषी पाया जाता है, तो सख्त सजा के साथ ही राजनीतिक दलों को भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। वहीं, अगर यह एक राजनीतिक साजिश निकली, तो विपक्ष को भी ईमानदारी से अपनी बात रखनी चाहिए। इस तरह के मामलों में जनता की राय अक्सर दो ध्रुवों में बँट जाती है, इसलिए स्पष्ट तथ्यों पर आधारित संवाद होना चाहिए। अंत में, सभी को मिलकर ऐसी हिंसा को रोकने के लिए सामूहिक प्रयास करना चाहिए।

  • Pankaj Raut

    Pankaj Raut

    जून 10, 2024 AT 18:56

    भाई जी, एकदम सही बात कही। अगर सच्चाई सामने नहीं आई तो तो बस हवा में फुसफुसाने से कुछ नहीं होगा। राजनीति में एँक्शन चाहिए।

  • Rajesh Winter

    Rajesh Winter

    जून 15, 2024 AT 14:13

    हम सबको यह समझना चाहिए कि राजनीति में महिलाओं के खिलाफ कोई भी हिंसा अनैतिक है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। सामाजिक मान्यताओं को बदलना आवश्यक है। यह मामला हमें सांस्कृतिक जागरूकता की दिशा में कदम बढ़ाने का अवसर देता है।

  • Archana Sharma

    Archana Sharma

    जून 20, 2024 AT 09:30

    बिल्कुल सही कहा आपने 😊 सामाजिक बदलाव के लिए ऐसे मुद्दे बहुत ज़रूरी हैं।

  • Vasumathi S

    Vasumathi S

    जून 25, 2024 AT 04:46

    राष्ट्रीय महिला आयोग ने बिभव कुमार को तलब करने का निर्णय इस तथ्य पर आधारित किया कि संभावित अपराध गंभीर प्रकृति का है।
    इस तरह के मामलों में पहली प्राथमिकता पीड़िता की सुरक्षा और मानसिक शांति सुनिश्चित करना होती है।
    स्वाति मालीवाल ने अपने बयान में न केवल शारीरिक हमले की विस्तृत शिकायत की, बल्कि धमकी और अभद्रता की भी निशानी दी।
    पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR में धारा 354, 506, 509, और 323 शामिल हैं, जो कि भारतीय दंड संहिता में महिलाओं के खिलाफ अत्याचारी कृत्यों को परिभाषित करती हैं।
    यदि बिभव कुमार इन धाराओं के तहत दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें सजा के साथ ही पुनर्वास कार्यक्रम में भाग लेना भी अनिवार्य हो सकता है।
    वहीं, यदि न्यायालय उन्हें निरपराध पाता है, तो यह राजनीतिक दलों के बीच विश्वास की पुनर्स्थापना का अवसर बन सकता है।
    इस संदर्भ में, यह आवश्यक है कि सभी संबंधित संस्थाएँ-पुलिस, न्यायपालिका, और आयोग-समन्वित रूप से काम करें।
    सार्वजनिक विमर्श में अक्सर भावनात्मक प्रतिक्रियाएँ प्रमुख हो जाती हैं, परंतु तथ्यों पर आधारित चर्चा अधिक प्रभावी होती है।
    मीडिया को भी इस मामले को sensationalize करने से बचते हुए, तथ्यात्मक रिपोर्टिंग पर ध्यान देना चाहिए।
    राजनीतिक प्रतिनिधियों को इस तरह के आरोपों को हल्के में नहीं लेना चाहिए और सच्चाई की खोज में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
    इसके अतिरिक्त, महिलाओं के सुरक्षा प्रशिक्षण और आत्मरक्षा कौशल पर ध्यान देना आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
    इस घटना ने यह भी उजागर किया है कि सार्वजनिक स्थानों पर महिला सुरक्षा के लिए नीतियों को अधिक सुदृढ़ करने की जरूरत है।
    एन्क्रिप्टेड डिजिटल फॉरेंसिक समाधान भी आरोपों की पुष्टि में मददगार हो सकते हैं।
    अंततः, सामाजिक और कानूनी दोनों स्तरों पर निरंतर जागरूकता अभियान जारी रखना चाहिए।
    केवल तब ही हम ऐसी हिंसा के चक्र को तोड़कर एक सुरक्षित और न्यायपूर्ण समाज की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

  • Anant Pratap Singh Chauhan

    Anant Pratap Singh Chauhan

    जून 30, 2024 AT 00:03

    मामले का असर सिर्फ दो लोगों तक सीमित नहीं रहा, यह पूरे समाज को झकझोरता है। हमें मिल कर इस पर चर्चा करनी चाहिए।

  • Shailesh Jha

    Shailesh Jha

    जुलाई 4, 2024 AT 19:20

    ग्राउंड‑रियलिटी देखते हुए, यह मामला सिर्फ़ एक व्यक्तिगत वार्ता नहीं, बल्कि सिस्टमिक फॉल्ट का उदाहरण है। इसलिए टॉप‑लेवल इंटर्वेंशन वुड बी आवश्यक।

  • harsh srivastava

    harsh srivastava

    जुलाई 9, 2024 AT 14:36

    NCW की सख्त कदम उठाना एक सकारात्मक दिशा है। लेकिन प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेज़ी दोनों ही चाहिए। सभी पक्षों को सहयोग देना आवश्यक है।

  • Praveen Sharma

    Praveen Sharma

    जुलाई 14, 2024 AT 09:53

    क्या इस केस में डिजिटल साक्ष्य जुटाए गए हैं? अगर हाँ, तो उनका विश्लेषण काफी मददगार हो सकता है।

  • deepak pal

    deepak pal

    जुलाई 19, 2024 AT 05:10

    हर बार ऐसे मामले देख के सोचता हूँ कि राजनीति में इंसानियत कब होगी 😅

एक टिप्पणी लिखें: