Narayan Jagadeesan के 197 रन ने South Zone को Duleep Trophy सेमीफाइनल में मिला भयानक बरदास्त

जगदेसन की बेमिसाल शताब्दी – 197 रन की कहानी
बॉलिंग के खिलाफ पचीसी गेंदों पर ठहरते हुए, Narayan Jagadeesan ने South Zone को 536 के भव्य पहले इन्ग्रेसेस में ले जाया। 352 गेंदों का वो पिच पर टिका, 16 चौके और 3 छक्के, और दो बार शतक साझेदारी कराना, आज के भारतीय डोमेस्टिक क्रिकेट का सबसे चमकदार क्षण बन गया।
टिंटेड फ़्लाईंग बॉल पर उनका फुटवर्क और नीचे की लाइन पर नज़र रखना, उन दोनों कारणों में से था जिससे उन्होंने लड़खड़ाए बिना बॉल को बाउंड्री की ओर धकेला। 197 का अंक केवल तीन रन से दोहरा शतक से दूर रह गया, लेकिन उन्होंने इसे अपनी व्यक्तिगत नहीं, टीम का बड़ा उपलब्धि बताया।
जगदेसन के रन सिर्फ संख्यात्मक नहीं, बल्कि उनके करियर की दिशा में एक मील का पत्थर हैं। घरेलू में 47.5 औसत और दस शतक, और अब Duleep Trophy के सेमीफाइनल में येनहिरा, इंग्लैंड के टेस्ट्स के लिए उनकी बैक‑अप विकेटकीपर के रूप में तर्ज़ुमा को मजबूत करता है।

सेमीफाइनल की गाथा – South Zone बनाम North Zone
बैटिंग के पहले दिन South Zone ने 297/3 पर ब्रेक लिया। उस के बाद, जगदेसन ने अटल दिखते हुए छक्के की गिनती 0 पर पहुँचा, फिर धीरज से अपनी पारी को 197 तक बढ़ाया। टनमे अगारवाल और देवदत्त पडिक्कल के साथ दो शताब्दी साझेदारियों ने इस पारी को प्रज्वलित किया – पहले साझेदारी में 107 रन और दूसरे में 112 रन जोड़े।
रिकी भुई ने 54 रन बनाते हुए पाँचवें विकेट पर 87 रन की साझेदारी में योगदान दिया। यह साझेदारी 194 डिलीवरी में बनी, जिससे South Zone ने 239 अतिरिक्त रन जोड़कर 536 बनाया। इसके अलावा तनय थ्यागराज़न ने भी अपनी बल्लेबाज़ी से 51* रनों का योगदान दिया, जो टीम को अतिरिक्त स्थिरता देता रहा।
North Zone की पिच पर गड़बड़ी वही लहू से कम थी; तेज़ गेंदबाजों ने सिर्फ हल्की लकीरें दिखाईं। अनशुल कम्बोज, जो अभी-अभी इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू कर चुके थे, ने 2 विकेट लिये, लेकिन उनका मुख्य हथियार नहीं बन सका। स्पिनर निशांत सिंधु ने 48 ओवर में 5/125 के साथ बड़ी सावधानी दिखायी, पर उनके बाहर की ड्रायवॉल पर साधरण बॉल ने बोला।
- मुख्य संघटन – South Zone: Narayan Jagadeesan (वाइस‑कैप्टन), Tanmay Agarwal, Devdutt Padikkal, Ricky Bhui, Tanay Thyagarajan.
- मुख्य विरोधी – North Zone: Nishant Sindhu (स्पिनर), Anshul Kamboj (पेसर), Shahbaz Nadeem (आक्रामक पेसर).
- दौड़ का परिणाम: South Zone ने पहले इन्ग्रेसेस में 536 बनाकर North Zone को 537 रन का लक्ष्य दिया।
अब North Zone के पास दो पूरे दिन बचे हैं, पर 537 की बड़ी लक्ष्य-रेखा पर उन्हें बुनियादी रणनीति बदलनी पड़ेगी। यदि वे आज के पिच लोशन को देखते हुए स्पिन के साथ गति को मिलाते हैं, तो कम से कम 300‑350 का लक्ष्य रख कर प्रतिबंधित कर सकते हैं। लेकिन नस्लीय टॉस और तेज़ बॉल्स का समर्थन अगर जागरूक हो तो South Zone का पहले ही इन्ग्रेसेस 500‑के-आसपास रहा, तो उनका पीछा कर पाना मुश्किल होगा।
जगदेसन की इस शताब्दी को देखते हुए, भारतीय टीम के चयनकर्ता अब उनके नाम को बैक‑अप विकल्पों में से एक प्रमुख भूमिका में रख सकते हैं। उनकी तकनीकी स्थिरता, बड़ी स्कोरिंग संभावना और दबाव में खेलने की क्षमता, इस चरण में उन्हें न सिर्फ घरेलू स्तर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गरिमापूर्ण बना रही है।