Reliance Power के शेयरों में लगातार चौथे सत्र में तेजी: क्या है इसके पीछे का कारण?
अनिल अंबानी की रिलायंस पावर: एक नई दिशा की ओर
अनिल अंबानी की स्वामित्व वाली रिलायंस पावर एक बार फिर से चर्चा में है। पिछले चार सत्रों से इसके शेयरों ने अपर सर्किट को छुआ, जिससे निवेशकों में उत्साह का माहौल है। यह उछाल कंपनी द्वारा हाल ही में किए गए कर्ज निपटान के प्रयासों का परिणाम है, जिसने बाजार में विश्वास बहाल किया है।
ऋण निपटान के प्रयास
रिलायंस पावर ने हाल ही में तीन प्रमुख बैंकों - ICICI बैंक, एक्सिस बैंक, और DBS बैंक को बकाया कर्ज का निपटान किया है। यह बकाया लगभग ₹400 करोड़ था, जिसमें से बैंकों ने अपने मूल ऋण का लगभग 30-35% के आसपास पुनर्प्राप्त किया। कंपनी के यह आयोजन कंपनी को कर्ज मुक्त करने के एक बड़े प्रयास का हिस्सा हैं, जो इस वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है।
रिलायंस पावर का कर्ज निपटान योजना यहाँ ही समाप्त नहीं होती। कंपनी का एकमात्र बकाया ऋण अब IDBI बैंक से लिया गया कार्यशील पूंजी ऋण है। कंपनी का यह लक्ष्य है कि वह जल्द ही इस कार्यशील पूंजी ऋण का भी निपटान करें और पूर्णतया कर्ज मुक्त हो जाए।
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर का कर्ज निपटान
रिलायंस पावर की मूल संगठन, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर भी अपने कर्जों के निपटान की राह पर है। कंपनी लगभग ₹2,100 करोड़ के कर्ज का पुनर्भुगतान JC Flowers एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी को करने की योजना बना रही है। हाल ही में दोनों के बीच एक स्टैंडस्टिल समझौता हुआ है, जिसे 31 मार्च, 2024 तक बढ़ाया गया है। इस अवधि के दौरान JC Flowers ARC द्वारा रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी।
वित्तीय कर्ज और कंपनी की स्थिति
पिछले वित्तीय वर्ष के अंत तक, 31 दिसंबर, 2023 को रिलायंस पावर का कुल वित्तीय कर्ज ₹765 करोड़ था, जबकि रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर का कुल वित्तीय कर्ज ₹4,233 करोड़ था। अप्रैल 2023 में, कंपनी ने JC Flowers ARC और कैनरा बैंक के साथ अपने कर्ज का निपटान किया था।
इन कर्ज निपटानों और कर्ज मुक्त होने के प्रयासों का सीधा प्रभाव कंपनी के शेयरों पर पड़ा है, जिसने बीएसई पर ₹23.83 के दिन के उच्चतम स्तर को छुआ।
निवेशकों में उत्साह
कर्ज मुक्त होने के प्रयासों और वित्तीय स्थिति में सुधार के कारण निवेशकों के बीच उत्साह की लहर छा गई है। यह देखने वाली बात होगी कि कंपनी आगे किस तरह से अपनी ऋण निपटान योजना को पूरा करती है और बाजार में अपने शेयर की स्थिरता को बनाए रखती है।
रिलायंस पावर की यह सफलता यह दर्शाती है कि सही नीतियां और सफल ऋण निपटान प्रयासों के माध्यम से किसी भी कंपनी की वित्तीय स्थिति को कैसे सुधारा जा सकता है। निवेशकों और बाजार विशेषज्ञों की नज़रें अब रिलायंस पावर और इसकी मूल कंपनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के आगे की योजनाओं पर बनी हुई हैं।