Sensex 556 अंक गिरते हुए 81,160 पर, Nifty 24,900 के नीचे: पाँच दिन लगातार गिरावट

बाजार की मौजूदा स्थिति

अगर आप 25 सितंबर को भारतीय शेयर बाजार की स्क्रीन पर नज़र डालते, तो एक ही बात साफ़ दिखेगी – बेचैनियों की लहर। Sensex गिरावट ने 556 अंक खोए और 81,160 पर रुक गया, जबकि Nifty ने 166 अंक गिरकर 24,891 पर अपनी जगह बना ली। यह पाँचवीं लगातार गिरावट थी, यानी निवेशकों को चार से पाँच दिन तक लगातार नीचे की तरफ़ देखा गया।

इस गिरावट का मोड़ खासकर तब आया जब IT और ऑटो सेक्टरों ने दो-तीन दिनों की ठंडी लहर को तोड़ दिया नहीं। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) 52‑सप्ताह का न्यूनतम स्तर छू गया, जिससे तकनीकी सेक्टर के बाकी शेयर भी धकेल दिए गए। ऑटो कंपनियों के स्टॉक्स भी बड़ी मात्रा में बेचे गए, जिससे कुल मिलाकर बाजार में बेचैनियों की गड़गड़ाहट तेज़ हो गई।

मुख्य कारण और आगे का रास्ता

मुख्य कारण और आगे का रास्ता

निवेशकों को उतनी ही दिक्कत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों से निकल रही निकासी से थी। पिछले कुछ हफ्तों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने लगातार पैसे बाहर निकालते रहे, जिससे भारतीय बाजार में तरलता कम हुई। इस के साथ ही यू.एस. के वीजा नियमों में tighten-up की अफ़वाहों ने भी तनाव बढ़ा दिया। कई विशेषज्ञों ने कहा कि अगर तकनीकी कंपनियों को प्रमुख अमेरिकी बाजारों में एक्सपोर्ट करने में परेशानी होगी, तो उनकी कमाई सीधे‑साधे तौर पर घटेगी।

इसी बीच, घरेलू संस्थागत निवेशकों ने थोड़ी राहत दी। म्यूचुअल फंड और बीमा कंपनियों ने कुछ हद तक शेयरों में पैसा लगाया, पर यह विदेशी निकासी के मुकाबले बहुत छोटा रहा। बाजार में पैसा बहरे रास्ते से बाहर जा रहा था, जिससे भावों में गिरावट जारी रही।

तकनीकी संकेतकों की बात करें तो India VIX, जो बाजार की अस्थिरता को मापता है, 5.98% ऊपर जा कर 11.425 पर पहुंच गया। VIX का बढ़ना आमतौर पर बताता है कि निवेशकों को भविष्य में क्या‑क्या जोखिम दिख रहा है। इस मामले में, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं, विशेषकर टेक्नोलॉजी नीति में बदलाव, निवेशकों को घबराने पर मजबूर कर रहे हैं।

  • IT सेक्टर: TCS, Infosys, Wipro सभी में गिरावट, कई ने 52‑सप्ताह का न्यूनतम स्तर छुआ।
  • ऑटो सेक्टर: Maruti Suzuki, Tata Motors, Mahindra की शेयर कीमतें नीचे गईं।
  • वित्तीय सेक्टर: बैंकिंग इंडेक्स भी नीचे रहा, हालांकि धातु और रक्षा को अब तक गिरावट नहीं मिली।
  • विदेशी निवेशकों की निकासी: निरंतर आउटफ़्लो ने तरलता घटाई।
  • वॉल्यूम में उतार-चढ़ाव: भारत VIX 6% ऊपर, अस्थिरता बढ़ी।

भविष्य की दिशा को लेकर अब कई सवाल हैं। अगर यू.एस. के वीज़ा प्रतिबंध सख्त होते हैं, तो IT एक्सपोर्ट पर बड़ा असर पड़ेगा, और बाजार में और भी बेचैनी हो सकती है। दूसरी ओर, घरेलू मांग और इंफ़्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स अभी भी सकारात्मक संकेत दे रहे हैं, जो दीर्घकालिक समर्थन दे सकते हैं। इस बीच, निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो को विविधता से भरने और जोखिम प्रबंधन पर ध्यान देने की सलाह दी जा रही है।

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