IMD – भारत की मौसम जानकारी का मुख्य स्रोत
जब IMD, भारतीय मौसम विभाग, जो राष्ट्रीय स्तर पर मौसम, जलवायु और आपदा चेतावनियों की निगरानी करता है. Also known as इंडियन मेटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट, it IMD चेतावनी जारी करके लोगों को सूचित करता है, जैसे बारिश, ठंडी या तेज़ गर्मी की खबरें। यह विभाग उपग्रह डेटा, मौसम स्टेशन और मॉडलिंग का उपयोग करता है, जिससे सटीक पूर्वानुमान बनते हैं। IMD का काम सिर्फ भविष्य बताना नहीं, बल्कि जनजीवन की सुरक्षा के लिए समय पर अलर्ट देना भी है.
एक प्रमुख दिल्ली गर्मी चेतावनी, उच्च तापमान और धूप की स्थितियों के लिए विशेष अलर्ट जो स्वास्थ्य जोखिम कम करने में मदद करता है. दिल्ली उष्णता अलर्ट अक्सर मई‑जून में आती है, जब तापमान 40°C से ऊपर पहुंचता है। वहीं मुंबई बाढ़ अलर्ट, भारी बारिश और जलस्तर बढ़ने पर जारी की जाने वाली चेतावनी. इस अलर्ट में तटीय शहर में जलजमाव, सड़कों का बंद होना और आपातकालीन उपायों का विवरण शामिल होता है। IMD इन दो अलग‑अलग परिस्थितियों को व्यक्तिगत रूप से ट्रैक करता है, क्योंकि तापमान और वर्षा का प्रभाव क्षेत्रीय रूप से बहुत अलग है.
मौसम विज्ञान के विशेषज्ञ, जिन्हें मौसम विज्ञान, विज्ञान की वह शाखा जो वायुमंडलीय प्रक्रियाओं का अध्ययन करती है. वायुमंडलीय विज्ञान कहते हैं कि डेटा की सटीकता, मॉडल की जटिलता, और ग्रिड रेज़ोल्यूशन सीधे IMD की चेतावनियों की विश्वसनीयता को प्रभावित करते हैं। इस कारण विभाग निरंतर उपग्रह इमेज, रडार रिफ्लेक्टिविटी और ग्राउंड स्टेशन की जानकारी को एकीकृत करता है। इन तकनीकों के कारण दिल्ली में तेज़ धूप के कारण हीट स्ट्रोक के केस घटते हैं और मुंबई में तेज़ बारिश से पानी की कमी वाले क्षेत्रों में जलभराव का जोखिम कम होता है.
अब आप नीचे की सूची में क्या पाएँगे?
इस पेज पर आपको IMD की नवीनतम मौसम रिपोर्ट, दिल्ली‑मुंबई की विशेष चेतावनियों, और इन अपडेट्स से जुड़ी उपयोगी टिप्स मिलेंगी। चाहे आप घर से काम कर रहे हों, यात्रा की योजना बना रहे हों या सिर्फ़ रोज़मर्रा की तैयारी चाहते हों, नीचे की पोस्ट्स में वह सभी जानकारी है जो आपके दिन‑भर के निर्णयों को आसान बनाएगी। आगे बढ़ते हुए, देखें कि कैसे IMD की चेतावनियों को समझकर आप सुरक्षित और सूचित रह सकते हैं।
IMD ने झारखंड के 10 जिलों में येलो अलर्ट जारी, भारी बारिश की चेतावनी
IMD ने 6 अक्टूबर को झारखंड के 10 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया, जिससे बाढ़, भूस्खलन और मौसम‑संबंधी जोखिमों पर चिंता बढ़ी।
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