Larry Page: तकनीकी जगत के पायनियर और गूगल की कहानी
Larry Page, Google के सह‑स्थापक और इंटरनेट खोज एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अग्रणी. Larry Page ने 1998 में Google, दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन और विज्ञापन प्लेटफ़ॉर्म की शुरुआत की, जो आज Alphabet, Google की मातृ कंपनी, विविध तकनीकी व्यवसायों का समूह के दायरे में विकसित हो चुका है। उनका मानना था कि "सर्च इंजन इंसानों को जानकारी तक पहुँचाने का सबसे तेज़ रास्ता है"—यह विचार सीधे Larry Page के सतत नवाचार के वचन को दर्शाता है। इस तरह Larry Page ने सर्च इंजन को रोज़मर्रा की ज़िंदगी में जोड़ दिया, जबकि सिलिकॉन वैली में तकनीकी कंपनियों की नई पीढ़ी उन्हें प्रेरणा स्रोत मानती है।
Larry Page से जुड़ी प्रमुख बातें
उनकी दृष्टि केवल सर्च तक सीमित नहीं रही; उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को मुख्य उत्पाद रणनीति में शामिल किया, जिससे Google Assistant, मोबाइल फ़ोन में फ़ोटो पहचान और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी सेवाएँ आज आम हो गईं। Larry Page ने कहा था, "AI वह इंजन है जो भविष्य के सभी डिजिटल प्रोडक्ट्स को चलाएगा," और यह अटकल आज की कई तकनीकी खबरों में दिखती है—जैसे भारत में AI‑आधारित स्टार्टअप्स का उदय, या सिलिकॉन वैली में नई फंडिंग राउंड। इनके अलावा, सिलिकॉन वैली, विश्व की प्रमुख तकनीकी इनोवेशन हब, जहाँ कई उद्यमी और निवेशक मिलते हैं ने Larry Page के उद्यमी मॉडल को अपनाते हुए कई नई कंपनियों को जन्म दिया है। इस परिप्रेक्ष्य में हम देखते हैं कि कैसे उनका "डेटा‑ड्रिवन" दृष्टिकोण ने विज्ञापन, क्लाउड, और स्मार्ट डिवाइस जैसे क्षेत्रों में नई मानदंड स्थापित किए।
अब आप इस टैग पेज पर कई लेखों की श्रृंखला पाएँगे—ऐसे लेख जो Larry Page की सोच को भारत में तकनीकी विकास, स्टार्टअप इकोसिस्टम, और डिजिटल अर्थव्यवस्था के साथ जोड़ते हैं। चाहे वह Google के नवीनतम AI फ़ीचर की समीक्षा हो, या सिलिकॉन वैली के निवेश ट्रेंड्स का विश्लेषण, यहाँ आपको कई स्थितियों में तकनीकी नवाचार कैसे काम करता है, इसका स्पष्ट चित्र मिलेगा। तो चलिए, नीचे दी गई सामग्री में डूबते हैं और देखते हैं कि Larry Page की विरासत ने आज के समाचार और तकनीकी प्रवाह को कैसे आकार दिया है।
Google का 27वां जन्मदिन: 1998 से आज तक की कहानी
Google ने 27 सितंबर 2025 को अपना 27वां जन्मदिन मनाया, जबकि असली स्थापना 4 सितंबर 1998 को Larry Page और Sergey Brin ने की थी; नाम, फंडिंग और भविष्य की योजनाओं की रोचक कहानी।
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