रेलवे ट्रैक जलभराव: पहचानें और सुरक्षित रहें

बारिश के मौसम में रेलवे ट्रैक पर पानी भरना आम बात है, लेकिन यह गंभीर परेशानी बन सकता है। ट्रैक जलभराव केवल ट्रेनों की रफ्तार धीमी नहीं करता, बल्कि पटरियों, पॉइंट्स और सिग्नल सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है। अगर आप यात्री हैं या किसी इलाके में रहते हैं तो जानना जरूरी है कि क्या करना है और रेलवे क्या कदम उठाता है।

जलभराव के मुख्य कारण और उसके असर

पहला कारण है अपर्याप्त ड्रेनेज। नालियाँ और कटे हुए ड्रेनेज ठीक तरह से साफ न हों तो पानी ट्रैक पर टिक जाता है। दूसरा कारण भूमि का समतल होना या पास ही निचला इलाका होना है, जहाँ पानी जमा हो जाता है। तीसरा कारण बड़ी तेज़ और लगातार बारिश है, जिससे ड्रेनेज भी भर जाता है। परिणामस्वरूप स्पीड रेस्ट्रिक्शन, ट्रेनों का डायवर्ट या रद्द होना, और ट्रैक की नींव कमजोर होना शामिल हैं।

यात्री के लिए तुरंत उपयोगी कदम

अगर आप स्टेशन पर हैं और ट्रैक पर पानी देखने को मिलता है तो सबसे पहले शांत रहें। स्टेशन मास्टर या टिकट काउंटर पर जाकर जानकारी लें। आप रेलवे हेल्पलाइन 139 पर कॉल कर सकते हैं या स्थानीय आपातकालीन नंबर 112 भी उपयोग कर सकते हैं। ट्रेन की घोषणा सुनें और स्टाफ के निर्देशों का पालन करें।

प्लेटफॉर्म के किनारे न खड़े हों। अगर ट्रेन में बैठे हैं और अचानक रुकावट होती है तो बाहर उतरने की कोशिश न करें जब तक आधिकारिक निर्देश न मिलें। level crossing पर पानी भरा हो तो वैकल्पिक रास्ता ढूंढें — पानी में चलना खतरनाक हो सकता है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों को पास रखें और अपने साथ आवश्यक दवा तथा मोबाइल चार्जर रखें।

यदि आप जलभराव देख रहे हैं तो इसकी फोटो या वीडियो लेकर स्टेशन मास्टर को तुरंत दिखाएँ। समय पर जानकारी देने से रेलवे को निरीक्षण भेजने में मदद मिलती है और बड़े हादसों से बचाव होता है।

रेलवे किन कदमों से स्थिति संभालता है? रेलवे पहले स्पीड रेस्ट्रिक्शन लगा देता है और स्पेशल निरीक्षण टीम भेजता है। ट्रैक इलेक्ट्रिकल/मेकेनिकल चेक होते हैं, पॉइंट्स और सिग्नल्स का निरीक्षण होता है। गंभीर मामलों में ट्रेनों को डायवर्ट कर दिया जाता है और प्रभावित खंड पर मरम्मत के आदेश दिए जाते हैं।

लंबे समय के समाधान में बेहतर ड्रेनेज, नियमित सफाई, ऊँचा बैड बनाना और आधुनिक सेंसर्स का इस्तेमाल शामिल है। आज रेलवे ड्रोन निरीक्षण, ट्रैक साइड सेंसर और कैमरों से जल्दी पहचान कर रहा है। स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर फ्लड मैनेजमेंट भी जरूरी है।

बारिश वाले दिनों में यात्रा प्लान करते समय वैकल्पिक रूट पहले से सोच लें और ट्रेन स्टेटस ऐप या वेबसाइट पर रीयल-टाइम चेक करें। छोटे-छोटे एहतियाती कदम आपकी और दूसरों की सुरक्षा बढ़ाते हैं। अगर आप नेतृत्व में हैं तो गर्वीले वादों से ज्यादा छोटे, सही कदम असर दिखाते हैं—जलभराव देखें, रिपोर्ट करें, और स्टाफ के निर्देश मानें।

मुंबई में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त: रेल सेवाएं और सड़क यातायात प्रभावित
8, जुलाई, 2024

मुंबई में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त: रेल सेवाएं और सड़क यातायात प्रभावित

मुंबई और आसपास के इलाकों में भारी बारिश के कारण रेलवे ट्रैक और सड़कों पर जलभराव हो गया है। इससे लोकल ट्रेन सेवाओं में बाधा उत्पन्न हुई है, कई ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं और कई ट्रेनों में देरी हो रही है। स्कूली बच्चों की सुविधा के लिए छुट्टी की घोषणा की गई है। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने मुंबई और आसपास के इलाकों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।

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