भारतीय बैडमिंटन स्टार सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने रविवार को थाईलैंड ओपन सुपर 500 टूर्नामेंट का पुरुष युगल खिताब जीत लिया। उन्होंने फाइनल में चीन की जोड़ी चेन बो यांग और लियू यी को सीधे गेम्स में 21-15, 21-15 से शिकस्त दी। इस जीत के साथ उन्होंने 2024 सीज़न का अपना दूसरा खिताब अपने नाम किया और एक बार फिर से विश्व रैंकिंग में नंबर 1 स्थान हासिल कर लिया।
शीर्ष वरीयता प्राप्त भारतीय जोड़ी ने पूरे मैच में दबदबा बनाए रखा और बिना कोई गेम गंवाए मुकाबला जीत लिया। पहले गेम में सात्विक-चिराग ने शुरुआत में बढ़त बनाई, फिर कुछ देर के लिए पिछड़ गए, लेकिन जल्द ही वापसी करते हुए गेम अपने नाम किया। दूसरे गेम में उन्होंने शुरू से ही अच्छी बढ़त बना ली और फिर उसे बरकरार रखते हुए चीनी जोड़ी की वापसी की कोशिशों को नाकाम कर दिया।
इससे पहले सात्विक-चिराग ने मलेशिया सुपर 1000 और इंडिया सुपर 750 में उपविजेता रहने के बाद मार्च में फ्रेंच सुपर 750 का खिताब जीता था। उनके लिए थाईलैंड में जीत का यह सिलसिला जारी है। 2019 में भी उन्होंने यहां अपना पहला सुपर 500 खिताब हासिल किया था और पिछले साल थॉमस कप में भी उनकी अहम भूमिका रही थी।
लगातार अच्छे प्रदर्शन से विश्व नंबर 1 पर काबिज
पिछले कुछ महीनों से सात्विक-चिराग शानदार फॉर्म में चल रहे हैं। इस साल उन्होंने मलेशिया सुपर 1000 और इंडिया सुपर 750 में रनर-अप रहने के अलावा फ्रेंच सुपर 750 का खिताब भी जीता था। इसके बाद अब थाईलैंड में उन्होंने एक और उपलब्धि हासिल की है।
लगातार शानदार प्रदर्शन की बदौलत सात्विक-चिराग एक बार फिर से पुरुष युगल रैंकिंग में नंबर 1 पर पहुंच गए हैं। उन्होंने इससे पहले भी कई बार शीर्ष स्थान हासिल किया था लेकिन चोटों और खराब फॉर्म के कारण वहां टिके नहीं रह पाए थे। अब एक बार फिर वे अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नजर आ रहे हैं।
ओलंपिक के लिए बड़ा मनोबल
थाईलैंड ओपन जीत सात्विक-चिराग के लिए आगामी ओलंपिक खेलों की तैयारी के लिहाज से भी अहम है। पेरिस ओलंपिक में उनसे पदक की उम्मीद लगाई जा रही है। ऐसे में हाल के प्रदर्शन से उनका मनोबल काफी बढ़ेगा।
हालांकि ओलंपिक में चुनौती कड़ी होगी क्योंकि वहां चीन, जापान, इंडोनेशिया और मलेशिया के दिग्गज खिलाड़ी भी मौजूद होंगे। लेकिन सात्विक-चिराग ने पिछले कुछ वक्त में इन सभी के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया है और खुद को साबित भी किया है।
ओलंपिक में पदक जीतना उनका सपना है और इसके लिए वे कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उनके कोच माथियास बो ने भी उनके खेल में काफी सुधार किया है। अगर वे इसी लय को बरकरार रख पाए तो निश्चित रूप से पेरिस में कुछ बड़ा कर सकते हैं।
भारतीय बैडमिंटन के लिए गौरव का क्षण
सात्विक-चिराग की जीत भारतीय बैडमिंटन के लिए गौरव का पल है। उनकी सफलता से यह साबित होता है कि भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, बस उन्हें सही मौका और प्रोत्साहन देने की जरूरत है।
सायना नेहवाल, पीवी सिंधु, किदांबी श्रीकांत और एचएस प्रणय जैसे खिलाड़ियों ने पहले ही भारत को बैडमिंटन में एक नई पहचान दिलाई है। अब सात्विक और चिराग उनके नक्शेकदम पर चल रहे हैं।
भारतीय बैडमिंटन को आगे ले जाने में कोच पुलेला गोपीचंद का भी अहम योगदान रहा है। उन्होंने अपने अकादमी में कई युवा प्रतिभाओं को तराशा है। उम्मीद है कि आने वाले समय में ऐसे और भी खिलाड़ी सामने आएंगे जो देश का नाम रोशन करेंगे।
अंत में
सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने थाईलैंड ओपन जीतकर एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे विश्व स्तर पर अपनी धाक जमा चुके हैं। उनका लक्ष्य अब ओलंपिक पदक है और वे इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते।
हम उम्मीद करते हैं कि वे अपने सपने को पूरा करने में कामयाब रहेंगे और देश को गौरवान्वित करते रहेंगे। उनकी जीत से भारतीय खेल प्रेमियों में एक नई उर्जा का संचार हुआ है। बस यही कामना है कि यह सिलसिला यूं ही जारी रहे।
Dipankar Landage
मई 19, 2024 AT 21:15