बजट 2024: बजट से एक दिन पहले 22 जुलाई को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा
आर्थिक सर्वेक्षण: बजट का पूर्ववर्ती दस्तावेज
भारत का आर्थिक सर्वेक्षण देश की आर्थिक स्थिति का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो हर साल बजट से पहले पेश किया जाता है। इस वर्ष, यह 22 जुलाई को पेश किया जाएगा, जो बजट से एक दिन पहले है। आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के लिए आर्थिक चिह्नकों और संकेतकों के बारे में जानकारी देगा, जिससे सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं और लक्ष्यों की दिशा निर्धारित होगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का रिकॉर्ड
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार अपना सातवां बजट पेश करेंगी, जो एक रिकॉर्ड है। 2019 से वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने के बाद से, उन्होंने कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार और योजनाएं लागू की हैं। इस बार का बजट विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के बाद की पहली बड़ी नीति घोषणा होगी।
आर्थिक सर्वेक्षण की भूमिका
आर्थिक सर्वेक्षण सरकार की आर्थिक योजनाओं और नीतियों के लिए एक दिशा-निर्देशक दस्तावेज होता है। यह वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति और विभिन्न चिह्नकों को प्रस्तुत करता है। यह सर्वेक्षण देश की विकास दर, बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, व्यापार संतुलन आदि जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहरा विश्लेषण करता है।
महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित
आगामी बजट में विशेष रूप से बेरोजगारी जैसी सामान्य और महत्वपूर्ण समस्याओं का समाधान करने की उम्मीद है। मोदी सरकार ने तीसरे कार्यकाल के दौरान रोजगार सृजन को एक प्रमुख एजेंडा बनाया है, और यह बजट उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। इसके अलावा कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में भी खास ध्यान दिया जा सकता है।
आर्थिक सर्वेक्षण का प्रस्तुतिकरण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। इसके बाद, मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन एक प्रेस कांफ्रेंस में सर्वेक्षण के मुख्य बिंदुओं के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान, संभावित आर्थिक चुनौतियों और अवसरों पर भी चर्चा की जाएगी।
बजट पेश करने की प्रक्रिया
बजट पेश करने की प्रक्रिया कई पारंपरिक चरणों को शामिल करती है। इसमें नॉर्थ ब्लॉक में एक मीटिंग, राष्ट्रपति भवन का दौरा, और कैबिनेट की बैठक शामिल होती है। पिछले कुछ सालों से बजट पेपरलेस रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, और इस बार भी यह प्रक्रिया जारी रहेगी। पेपरलेस बजट की शुरुआत से पारदर्शिता और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिला है।
नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की पहली बड़ी नीति
यह बजट नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल में पहली बड़ी नीति घोषणा होगी। सरकार ने चुनाव के दौरान कई योजनाएं और नीतियां वादा की थीं, जिन्हें लागू करने की दिशा में इस बजट से संकेत मिल सकते हैं। यह बजट विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह जानना होगा कि नई सरकार अपने वादों को कैसे पूरा करेगी और देश की आर्थिक स्थिति को कैसे सुधार सकेगी।
आर्थिक सर्वेक्षण और बजट पर देश भर के नागरिकों और विशेषज्ञों की विशेष नज़र होगी, क्योंकि यह देश की आने वाली वित्तीय दिशा और रणनीतियों का रोडमैप निर्धारित करेगा। जहां एक ओर आर्थिक सर्वेक्षण अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति का विश्लेषण करेगा, वहीं बजट आने वाले समय की योजनाओं और प्राथमिकताओं को स्पष्ट करेगा।
इस प्रकार, आगामी आर्थिक सर्वेक्षण और बजट देश की आर्थिक सुधार और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकते हैं। जनता को उम्मीद है कि सरकार द्वारा लिए गए निर्णय देश की आर्थिक समस्याओं का समाधान प्रदान करेंगे और विकास की दिशा में मजबूत कदम उठाएंगे।