बर्नेट ने 81 रन बिना छक्का लगाए बनाया नया T20I रिकॉर्ड

जब Brian Bennett, Zimbabwe के Zimbabwe Cricket ने 27 वर्ष की उम्र में 81 रन बनाए, तो सभी ने कहा – यह तो सीधे इतिहास की किताब में लिख जाएगा। यह रिकॉर्ड 27 Oct 2025 को Zimbabwe vs Sri Lanka T20IHarare Sports Club में स्थापित हुआ, जहाँ बर्नेट ने 57 गेंदों पर 12 चौके लगाए लेकिन एक भी छक्का नहीं मारा।
रिकॉर्ड का पृष्ठभूमि
पहले इस श्रेणी में Faf du Plessis (79* vs Bangladesh, 2015) और Babar Azam (79 vs New Zealand) का संयुक्त नाम था। इनके बाद Mohammad Rizwan ने 78 रन, Ricky Ponting ने 76 रन बनाए थे, पर सभी के साथ एक ही शर्त थी – कोई छक्का नहीं। असली ‘सुपर-सेव’ तो Sami Sohail का 94* रन था, लेकिन वह मिलाऊI के सदस्य नहीं, इसलिए बर्नेट का रिकॉर्ड पूर्ण ICC सदस्य देशों में सबसे ऊँचा बना।
बर्नेट की अटूट 81‑रन की कहानी
बर्नेट ने ओपनिंग बैट के तौर पर टॉस जीत कर पहले शॉट मारे। शुरुआती ओवर में उन्होंने धीमी रफ्तार से खेला, फिर धीरे‑धीरे रफ़्तार बढ़ाते हुए चारों ओर घूमते हुए क्षेत्र में गेंद को जाँच‑पड़ताल से मारते रहे। 12 बाधाओं (बाउंड्री) की मदद से 81 रन हासिल करने में उन्हें लगभग 2 मिनट कम नहीं लगे। "मैं ज़्यादा रफ़्तार नहीं चाहता, बस शॉट को सही टाइम पर लगाना है," उन्होंने मैच के बाद कहा।
इसका मतलब सिर्फ तेज़ी नहीं बल्कि तकनीकी निपुणता भी था – बर्नेट ने राउंड‑ऑफ़, डॉज, और फ़्लिक से पारंपरिक सीमा मारने की कला को जीवंत किया। उनके इस शैली ने कई टी20 विशेषज्ञों को चौंका दिया, क्योंकि आजकल के T20 में छक्के का दिमाग़ बहुत तेज़ है।
श्रीलंका की जीत और मैच की कहानी
जब Sri Lanka ने लक्ष्य 176 रन की ओर रुख किया, तो वे पहले ही 96 रन बिना किसी विकेट के बना चुके थे। लेकिन 11वें ओवर में दो तेज़ आउट और दो अल्पसर गेंदों के कारण स्कोर 125‑5 तक गिर गया। तब Kamindu Mendis ने 41 रन केवल 16 गेंदों में जमा करके टीम को वापस पनेली. अंततः वह 176‑4 के साथ लक्ष्य हासिल कर चार विकेट और पाँच गेंदों से जीत हासिल कर लिया।
जिन्हें बर्नेट की पारी से ज़्यादा आशावादी नहीं माना गया था, उन्होंने दिखा दिया कि टी20 में कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता – एक ही फोकस पूरे मैच का रंग बदल देता है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इस रिकॉर्ड का महत्व
बर्नेट का यह रिकॉर्ड सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि आज के तेज़‑रफ़्तार टोकरी के विपरीत पारंपरिक शॉट‑मेवनिंग का संदेश है। कई विश्लेषकों ने कहा कि यह युवा बट्समैन भविष्य में 'टस्ट‑ऑफ़' शौक़ीन बैट्समैन की तरह खेल सकता है, जहाँ टेक्निकल बेज़ी और डिशिप्लिन दोनों को संतुलन में लाना जरूरी है।
इसके अलावा, इस रिकॉर्ड ने यह स्पष्ट कर दिया कि ज़िंबाब्वे क्रिकेट की नई पीढ़ी कितनी तेज़ी से अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बना रही है। पिछले हफ़्ते बर्नेट ने ICC T20 वर्ल्ड कप क्वालिफायर 2025 में 113 रन की जीत में अपना पहला शतक बनाया था, जिससे वह सभी तीन फ़ॉर्मेट में शतक बनाने वाला सबसे कम उम्र का खिलाड़ी बन गया।
आगे क्या? टी20 श्रृंखला और बर्नेट का भविष्य
यह पहला मैच था, लेकिन दो और टी20आई पर खेल अभी बाकी हैं। बर्नेट ने खुद कहा – "अगर मैं इस तरह के इंटेंस शोलेस शॉट्स फिर से खेल सकूँ, तो टीम का मानसिक दबाव घटेगा और हम लगातार जीत की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।" विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वह इस फॉर्म को जारी रखेगा, तो ज़िंबाब्वे को आने वाले विश्व कप क्वालिफायर में भी जगह बनाने में मदद मिलेगी।
- बर्नेट ने 81 रन बिना छक्का लगाए T20I में सबसे अधिक स्कोर किया।
- पिछला रिकॉर्ड 79 रन (Faf du Plessis, Babar Azam) था।
- मैच में ज़िंबाब्वे ने 175/7, श्रीलंका ने 176/4 से जीत हासिल की।
- श्रीलंका ने लक्ष्य पांच गेंदों में हासिल किया।
- बर्नेट अब सबसे छोटे उम्र के खिलाड़ी हैं जिन्होंने तीनों फ़ॉर्मेट में शतक बनाया।
Frequently Asked Questions
यह रिकॉर्ड ज़िंबाब्वे क्रिकेट के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
बर्नेट की इस उपलब्धि ने दिखाया कि ज़िंबाब्वे के युवा खिलाड़ी तकनीकी धैर्य और स्थिरता के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं, जिससे राष्ट्रीय टीम में आत्म‑विश्वास और राष्ट्रीय दर्शकों का समर्थन बढ़ेगा।
बर्नेट ने इस पारी में कौन‑कौन से प्रमुख शॉट्स खेले?
उन्होंने ड्राइव, सर्पिल और पैडल शॉट्स का प्रयोग किया, साथ ही कई लॉन्ग‑ऑफ़ और रिवर्स‑सिंगल के माध्यम से बाउंड्री मारते रहे, जो बिना छक्का लगाते भी रनों को जोड़ने में मददगार साबित हुए।
श्रीलंका ने अंत तक कैसे मुकाबले में भरोसा बनाए रखा?
श्रीलंका ने शीर्ष क्रम में दो तेज़ रन बनाए, फिर मध्य क्रम में गिरावट आई, लेकिन Kamindu Mendis की फेमस 41 रन की अटैक ने टीम को फिर से पटरी पर लाया और अंत में तीव्र फिनिशिंग से जीत हासिल की।
क्या इस रिकॉर्ड से भविष्य में T20 में पावर‑हिटिंग कम होगी?
यह एक अकेला उदाहरण है, लेकिन यह दर्शाता है कि पारंपरिक शॉट‑मेवनिंग अभी भी प्रभावी हो सकता है। यदि अधिक टीमें तकनीकी खेल अपनाएँगी, तो मैदान पर पावर‑हिटिंग की मात्रा में संतुलन आ सकता है।
बर्नेट की अगली टोकरी में क्या उम्मीद की जा सकती है?
विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि वह इस फॉर्म को बनाए रखेगा, तो वह ज़िंबाब्वे को आगामी T20 विश्व कप क्वालिफायर में टॉप‑फॉर्म में ले जा सकता है, और साथ ही स्निकर या ODI में भी अपनी जगह पक्का कर सकता है।
टिप्पणि:
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बर्नेट का यह रिकॉर्ड भारतियों के लिए भी एक प्रेरणा है। वह 81 रन बिना छक्का लगाए, मैदान में धीरज दिखाते हुए, दर्शकों को चकित कर दिया। आज के तेज़‑रफ़्तार T20 में ऐसे तकनीकी झुकाव दुर्लभ हैं। उनके शॉट चयन में शांति और सावधानी का मिश्रण दिखता है, जो कई युवा बट्समैन को सीखना चाहिए। यह साबित करता है कि शक्ति केवल बल्कहिट से नहीं, बल्कि सटीकता से भी आती है। ज़िंबाब्वे ने इस पारी से दिखा दिया कि छोटी टीम भी बड़े आंकड़े बना सकती है। हमें भी अपने घरेलू खेलों में इस तरह की रणनीति अपनानी चाहिए। क्रिकेट के इतिहास में ऐसे क्षण असंख्य होते हैं, परन्तु यह एक विशेष स्थान रखता है। बर्नेट ने सांख्यिकी को तोड़ते हुए, मानवीय दृढ़ता का प्रतीक बन गया। उनके कोच ने कहा था कि धैर्य ही जीत की कुंजी है, और उन्होंने उसे सिद्ध कर दिखाया। इस जीत ने भारत की टीम को भी यह संकेत दिया कि छक्का नहीं, बल्कि लगातार स्कोरिंग भी जीत दिला सकता है। दर्शकों ने उनके शांत होने को सराहा, जबकि कुछ ने उनकी निरंकुश शैली की आलोचना की। फिर भी, यह पारी याद रहेगी क्योंकि इसमें जोखिम को समझदारी से संभाला गया। यह घटना हमें याद दिलाती है कि क्रिकेट सिर्फ शक्ति का खेल नहीं, बल्कि दिमाग़ का भी है। अंततः, बर्नेट ने साबित किया कि अगर आप अपनी शैली को समझते हैं, तो कोई भी रिकॉर्ड तोड़ सकता है।
ONE AGRI
अक्तूबर 1, 2025 AT 19:32