बिहार में साइक्लोन मॉन्था के प्रभाव से पटना सहित 20 जिलों में पीली चेतावनी

बिहार के 20 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी करते हुए भारतीय मौसम विभाग ने गुरुवार, 30 अक्टूबर, 2025 को पटना सहित कई क्षेत्रों के लिए पीली चेतावनी जारी की। यह चेतावनी साइक्लोन मॉन्था के प्रभाव से उत्पन्न तूफानी हवाओं और आर्द्रता के कारण लगाई गई है, जो बंगाल की खाड़ी में गतिशील है। अगले तीन दिनों तक भारी से अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है, जिससे सड़कें बह जाने, बाढ़ और बिजली की आपूर्ति में बाधा जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

किन जिलों में सबसे ज्यादा खतरा?

पीली चेतावनी के तहत सबसे अधिक खतरे वाले आठ जिले — ईस्ट चंपारण, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, सिवान, मधुबनी, सीतामढ़ी, दरभंगा और सुपौल — अत्यधिक भारी बारिश (200 मिमी से अधिक) के लिए चिह्नित हैं। इनके अलावा वैशाली, सरन, मुजफ्फरपुर, सहरसा, बक्सर, कैमूर, रोहतास, औरौंगाबाद और शिवहर सहित 12 और जिलों में भारी बारिश (100-200 मिमी) की संभावना है। यह बारिश केवल एक दिन की नहीं, बल्कि 30 अक्टूबर से 1 नवंबर तक लगातार रहने की उम्मीद है।

पटना का तापमान गुरुवार सुबह 29°C और रात 24°C रहा, जबकि आर्द्रता 90% तक पहुँच गई। यह न केवल बारिश के लिए तैयार होने का संकेत है, बल्कि गर्मी और नमी का मिश्रण बीमारियों के फैलने का भी खतरा बढ़ा रहा है। कई मौसम वेबसाइट्स ने अलग-अलग अनुमान दिए — Weather25.com ने 0.11 इंच (2.8 मिमी) बारिश का अनुमान लगाया, जबकि Easeweather.com ने 2.3 मिमी बारिश का अनुमान दिया। यह सब एक ही घटना के अलग-अलग दृष्टिकोण हैं, लेकिन एक बात स्पष्ट है: बारिश बहुत तीव्र होगी।

क्यों हुआ यह अप्रत्याशित बदलाव?

अक्टूबर के अंत तक बिहार में मानसून का अंत हो चुका होता है। लेकिन इस बार साइक्लोन मॉन्था ने इस नियम को तोड़ दिया। बंगाल की खाड़ी में बने इस चक्रवात ने उत्तरी भारत की ओर आर्द्रता का एक बड़ा बहाव बनाया है। यह वही घटना है जिसके कारण दिल्ली-एनसीआर में बौछारें, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।

क्लाइमेट-डेटा.ऑर्ग के अनुसार, बिहार में अक्टूबर का औसत बारिश 97 मिमी होती है, जो आमतौर पर 3-8 दिनों में बंटी होती है। लेकिन इस बार बारिश का लगभग 70% तीन दिनों में ही गिरने की संभावना है। यह एक असामान्य घटना है — जैसे कि एक तेज़ बारिश का बूंद-बूंद जैसा पानी अचानक एक बड़े नहर में बह जाए।

लोगों की प्रतिक्रिया: डर, तैयारी और अनिश्चितता

पटना के एक रहने वाले राजेश कुमार ने कहा, "हम लोग अक्टूबर के अंत में बारिश की उम्मीद नहीं करते। आज सुबह बारिश शुरू हुई तो घर के बाहर खड़े होकर देख रहे थे — ऐसा लगा जैसे आकाश टूट गया हो।" उनके पड़ोसी ने अपने घर के छत के नीचे पानी जमा होने के डर से बर्तन उठा लिए।

पटना के स्वास्थ्य विभाग ने आज ही एक अलर्ट जारी किया है कि बारिश के कारण चिकनपोक्स, डेंगू और पेचिश के मामले बढ़ सकते हैं। अस्पतालों में अतिरिक्त दवाओं और चिकित्सकों की तैनाती की जा रही है।

क्या होगा अगले कुछ दिनों में?

क्या होगा अगले कुछ दिनों में?

मौसम विभाग के अनुसार, 31 अक्टूबर को बारिश थोड़ी कम होगी, लेकिन फिर भी 1 नवंबर तक बारिश जारी रहेगी। तापमान 22-24°C के आसपास रहेगा, लेकिन आर्द्रता 85% से अधिक रहने की संभावना है। यह दिन न केवल ठंडे होंगे, बल्कि बहुत भारी भी — जैसे कोई गीला कपड़ा लगातार शरीर पर चिपका रहे।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की असामान्य घटनाएँ अब नियमित हो रही हैं। पिछले दो वर्षों में भी अक्टूबर में बिहार में अचानक बारिश की घटनाएँ हुईं। क्या यह जलवायु परिवर्तन का संकेत है? यह अभी तक एक बड़ा प्रश्न है।

आपको क्या करना चाहिए?

भारतीय मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि पीली चेतावनी का मतलब है — "अपडेट रहें, अनावश्यक यात्रा न करें।" यानी घर से बाहर निकलने की जरूरत हो तो बरसात के बाद जाएँ। बाढ़ वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अपने घरों के नीचे के कमरों में बिजली के उपकरण न रखें। बिजली के तूफान के समय फोन या लैपटॉप चार्ज न करें।

स्थानीय नगर निगम ने अब तक 127 स्थानों पर जल निकासी की जाँच की है। लेकिन कई जगहों पर नालियाँ अभी भी गंदगी से भरी हुई हैं। इसका मतलब है: जब बारिश होगी, तो गलियाँ नहीं, नहरें बन जाएँगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

पीली चेतावनी का मतलब क्या है?

पीली चेतावनी भारत के चार-स्तरीय मौसम चेतावनी प्रणाली में दूसरा सबसे ऊँचा स्तर है। इसका मतलब है कि भारी बारिश, बिजली और तूफानी हवाएँ संभव हैं। लोगों को अपडेट रहना चाहिए और अनावश्यक यात्राएँ न करें। यह लाल चेतावनी नहीं है, लेकिन इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती।

क्या बिहार में अक्टूबर में ऐसी भारी बारिश आम है?

नहीं, यह असामान्य है। आमतौर पर अक्टूबर के अंत तक मानसून वापस चला जाता है और बारिश बहुत कम होती है। पिछले 10 वर्षों में सिर्फ दो बार अक्टूबर के अंत में बिहार में इतनी भारी बारिश हुई है — 2018 और 2021 में। इस बार यह साइक्लोन मॉन्था के कारण हो रहा है, जो अब तक के लिए अद्वितीय है।

बारिश के कारण बीमारियाँ कैसे फैल सकती हैं?

गंदे पानी और जमा हुए पानी में मच्छर पैदा होते हैं, जो डेंगू और चिकनपोक्स फैलाते हैं। नमी बढ़ने से फंगल संक्रमण और पेचिश भी बढ़ जाते हैं। पटना के स्वास्थ्य विभाग ने पिछले हफ्ते ही 32 नए डेंगू केस रिपोर्ट किए हैं — यह अगले 10 दिनों में दोगुना हो सकता है।

क्या यह जलवायु परिवर्तन का संकेत है?

वैज्ञानिकों का कहना है कि हाँ। बंगाल की खाड़ी में साइक्लोन की आवृत्ति और तीव्रता बढ़ रही है। वर्ष 2000 के बाद से अक्टूबर में बिहार में असामान्य बारिश की घटनाएँ दोगुनी हो गई हैं। यह जलवायु परिवर्तन के कारण उष्णकटिबंधीय तूफानों का समय बदल रहा है — अब वे ज्यादा देर तक और ज्यादा उत्तर की ओर जा रहे हैं।

क्या बिहार की सड़कें इस बारिश के लिए तैयार हैं?

नहीं। नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार, पटना की 68% सड़कों की नालियाँ अब तक अपर्याप्त हैं। बहुत सी नालियाँ गंदगी और अपशिष्ट से भरी हुई हैं। जब भारी बारिश होगी, तो बाढ़ का खतरा बहुत बढ़ जाएगा। बिहार सरकार ने अभी तक इसके लिए कोई विशेष योजना नहीं बनाई है।

अगले कितने दिनों तक चेतावनी बनी रहेगी?

चेतावनी 1 नवंबर तक लागू रहेगी। मौसम विभाग अगले 24 घंटों में एक नया अपडेट जारी करेगा। अगर बारिश तेज होती रही तो यह लाल चेतावनी में बदल सकती है। लोगों को अपने स्थानीय अधिकारियों और IMD की वेबसाइट पर नियमित अपडेट देखने चाहिए।

टिप्पणि:

  • simran grewal

    simran grewal

    अक्तूबर 31, 2025 AT 20:05

    अरे भाई, ये साइक्लोन मॉन्था क्या है? अक्टूबर में बारिश का मतलब अब बिहार में बरसात का मौसम नहीं, बल्कि जलवायु अंतिम युद्ध है? 🤦‍♀️ बस एक दिन में 70% साल की बारिश गिर जाए, और फिर नगर निगम के लोग नालियों की सफाई करने के बजाय फोटो खींचकर इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर देंगे।

  • Vitthal Sharma

    Vitthal Sharma

    नवंबर 1, 2025 AT 21:22

    घर के बाहर निकलना बंद कर दो।

  • chandra aja

    chandra aja

    नवंबर 2, 2025 AT 23:16

    ये सब चीन का नक्शा है। बंगाल की खाड़ी में ड्रोन से बारिश बनाई जा रही है। जलवायु परिवर्तन? नहीं भाई, ये विज्ञान का गुप्त हथियार है। अमेरिका ने बिहार को निशाना बनाया है।

  • Vinay Menon

    Vinay Menon

    नवंबर 3, 2025 AT 17:24

    मैं दरभंगा से हूँ। पिछले दो दिनों से बारिश हो रही है, और गलियों में पानी अब घुटनों तक है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, और अस्पताल का बस आया तो पानी में डूब गया। लोग बस चेतावनी का इंतजार कर रहे हैं... लेकिन जब तक बाढ़ नहीं आती, कोई कार्रवाई नहीं।

  • Sutirtha Bagchi

    Sutirtha Bagchi

    नवंबर 5, 2025 AT 07:53

    अरे यार! तुम सब यही बात कर रहे हो! बस एक बार अपनी छत देखो! मैंने तो अपनी छत पर पानी भर दिया और बच्चों को नहला दिया 😆 बारिश आएगी तो बारिश हो जाएगी! घबराओ मत!

  • Abhishek Deshpande

    Abhishek Deshpande

    नवंबर 5, 2025 AT 20:15

    मौसम विभाग ने पीली चेतावनी जारी की है... लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि यह पीली चेतावनी... वास्तव में... एक भ्रम है? क्योंकि, यदि यह असामान्य है... तो क्या यह वास्तव में... असामान्य है? या यह... बस... एक नया नियम है?

  • vikram yadav

    vikram yadav

    नवंबर 7, 2025 AT 20:03

    मैं उत्तर प्रदेश से हूँ, लेकिन हमारे यहाँ भी यही बारिश हो रही है। बंगाल की खाड़ी से आ रही आर्द्रता अब पूरे उत्तर भारत को घेर रही है। ये बारिश नहीं, ये जलवायु का एक नया चक्र है। अब बिहार में जो हो रहा है, वो कल दिल्ली में होगा, फिर राजस्थान में। ये अकेली बिहार की समस्या नहीं है।

  • Monika Chrząstek

    Monika Chrząstek

    नवंबर 8, 2025 AT 08:26

    मैंने अपने पड़ोसी के बच्चे को बरसात में बचाया था, जब उसकी गाड़ी बह गई थी... लोग डरते हैं, लेकिन हमें एक दूसरे के साथ रहना होगा। बारिश तो होगी ही... लेकिन अगर हम साथ होंगे, तो ये तबाही भी एक सामूहिक यात्रा बन जाएगी 💛

  • Rosy Forte

    Rosy Forte

    नवंबर 8, 2025 AT 11:40

    आह, यह सिर्फ बारिश नहीं है - यह एक पोस्ट-मॉडर्न जलवायु नर्वस ब्रेकडाउन है। हम एक ऐसे युग में रह रहे हैं जहाँ अक्टूबर का अंत एक एक्सिस ऑफ एंग्जाइटी है, जहाँ मानसून का विराम एक लौह नियम नहीं, बल्कि एक बुरी आदत बन गया है। इस बारिश का अर्थ है: नैतिकता का पतन, प्रकृति का विद्रोह, और मानवीय अनुशासन का अंत।

  • Tamanna Tanni

    Tamanna Tanni

    नवंबर 10, 2025 AT 11:14

    अगर तुम्हारी नाली बंद है, तो बारिश का दोष नहीं। बस अपने आसपास देखो।

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