साइक्लोन मॉन्था: भारत के तटीय क्षेत्रों पर प्रभाव और चेतावनियाँ
साइक्लोन मॉन्था एक साइक्लोन, एक तेज हवाओं और भारी बारिश वाला मौसमी तूफान जो उष्णकटिबंधीय समुद्रों से उत्पन्न होता है था जिसने 2025 के अक्टूबर में भारत के पश्चिमी तट को छूकर झारखंड और महाराष्ट्र में भारी बारिश और बाढ़ का कारण बनी। इंडियन मेटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने इसके आगमन से पहले ही तटीय जिलों को लाल और पीले अलर्ट के साथ चेताया, जिसमें मुंबई, गोवा और गुजरात के कुछ हिस्से शामिल थे। यह तूफान सिर्फ समुद्र तट तक ही सीमित नहीं रहा—इसकी बारिश की बूंदें अंदर तक आईं और झारखंड के 10 जिलों में भूस्खलन और बाढ़ का खतरा बढ़ गया।
इस साइक्लोन के बाद, IMD ने दिल्ली में तेज धूप और मुंबई में बाढ़ के लिए अलग-अलग चेतावनियाँ जारी कीं, जो दिखाता है कि एक तूफान का प्रभाव कितना व्यापक हो सकता है। बारिश के कारण बुलंदशहर में एक तेज थार ने स्विफ्ट कार से टक्कर मारी, जिसमें एक युवक की मौत हो गई। इसी तरह, IRCTC पर टिकट बुकिंग के लिए आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य कर दिया गया, ताकि बॉट्स के कारण टिकट न चुराए जा सकें। ये सभी घटनाएँ साइक्लोन मॉन्था के बाद की जीवन की वास्तविकता को दर्शाती हैं—न केवल मौसम, बल्कि नियम, सुरक्षा और आम जनता के दैनिक जीवन पर इसका प्रभाव।
इस तरह के तूफानों के सामने, सरकारी एजेंसियाँ और आम लोग दोनों को तैयार रहना होता है। IMD की चेतावनियाँ, बाढ़ के लिए तैयारी, और रेलवे जैसी सेवाओं का समायोजन—ये सब एक दिन में नहीं, बल्कि लगातार अपडेट होते रहते हैं। यहाँ आपको इस साइक्लोन के दौरान हुई घटनाओं, उसके बाद के नियम बदलाव, और जिन लोगों को इसका सबसे ज्यादा असर हुआ, उनकी कहानियाँ मिलेंगी। आप जानेंगे कि कैसे एक मौसमी घटना पूरे देश के आर्थिक, सामाजिक और प्रशासनिक ढांचे को झुका सकती है।
बिहार में साइक्लोन मॉन्था के प्रभाव से पटना सहित 20 जिलों में पीली चेतावनी
साइक्लोन मॉन्था के प्रभाव से भारतीय मौसम विभाग ने पटना और बिहार के 20 जिलों में पीली चेतावनी जारी की है। 30 अक्टूबर से 1 नवंबर तक भारी बारिश की उम्मीद है।
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