डोनाल्ड ट्रम्प के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार: जे डी वांस कौन हैं?

डोनाल्ड ट्रम्प के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार जे डी वांस: एक परिचय

2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के लिए डोनाल्ड ट्रम्प ने ओहियो के सीनेटर जे डी वांस को अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में चुनकर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। सिर्फ 39 वर्ष की आयु में, वांस ने एक लंबी यात्रा तय की है, जो अमेरिका की राजनीतिक परिदृश्य पर एक महत्वपूर्ण चेहरा बन गए हैं।

'हिलबिली एलेजी' से प्रसिद्धि

जे डी वांस का नाम पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में तब आया जब उन्होंने 2016 में अपनी आत्मकथा 'हिलबिली एलेजी' प्रकाशित की। इस पुस्तक ने देश के ग्रामीण और औद्योगिक पतन की कथाएँ बयां करते हुए वांस की व्यक्तिगत संघर्षों और कड़ी मेहनत की कहानी को उजागर किया। पुस्तक को व्यापक प्रशंसा मिली और यह उनके मूल्यों और सिद्धांतों की गहराई को समझने में मददगार साबित हुई।

सेना में सेवा और शैक्षिक यात्रा

वांस ने अमेरिकी मरीन कॉर्प्स में भी सेवा दी है, जिसमें उन्होंने इराक युद्ध में हिस्सा लिया। यह अनुभव उनके व्यक्तित्व और दृष्टिकोण को प्रमुखता से प्रभावित करता है। इसके बाद उन्होंने ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी और येल लॉ स्कूल से शिक्षा प्राप्त की, जो उनकी ज्ञान और विचारधारा की गहराई को और पुख्ता करती है।

राजनीति में उद्गम

2022 में, वांस को अमेरिकी सीनेट के लिए निर्वाचित किया गया, जहां वे ट्रम्प के एक मजबूत समर्थक बन गए। शुरुआती दिनों में वे ट्रम्प की नीतियों की आलोचना करते थे, लेकिन बाद में ट्रम्प के समर्थन से उन्हें सीनेट में स्थान मिला और तबसे वे ट्रम्प के नजदीकी सहयोगी बन गए हैं।

रूढ़िवादी विचारधारा

वांस के विचारधारा में व्यापार, विदेश नीति और आव्रजन पर उनके कड़े रूढ़िवादी रूख शामिल हैं। वे दृढ़ता से मानते हैं कि अमेरिका को व्यापारिक समझौतों में अपनी प्रमुखता बनानी चाहिए और विदेश नीति में सख्त रुख अपनाना चाहिए। साथ ही वे आव्रजन पर कड़े कानून लागू करने के पक्षधर हैं। इस वजह से वह रूढ़िवादी लोगों के बीच एक लोकप्रिय आकृति बन गए हैं।

द्विदलीय सहयोग

हालांकि, वांस ने कुछ मुद्दों पर पार्टी लाइन के पार काम करने की इच्छा दिखाई है। उन्होंने ओहियो के वरिष्ठ सीनेटर शेरोड ब्राउन के साथ मिलकर $20 बिलियन के चिप सुविधा के लिए फंडिंग और रेलवे सुरक्षा कानून पर भी काम किया है। यह उनके राजनीतिक दृष्टिकोण की विस्तृतता को दर्शाता है, जहां वे आम लोगों के फायदों के लिए द्विदलीय सहयोग को प्राथमिकता देते हैं।

इजरायल का समर्थन

जे डी वांस इजरायल के मजबूत समर्थक हैं। उनका मानना है कि अमेरिका को मध्य पूर्व में इजरायल को अपने तरीकों से युद्ध करने देना चाहिए और इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उनका यह रुख मध्य पूर्व नीतियों पर विशेष प्रभाव डाल सकता है।

राजनीतिक दृष्टिकोण

वांस का ट्रम्प के साथ जुड़ाव उनके राजनीतिक करियर में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाया है। जहां वे पहले ट्रम्प की नीतियों के आलोचक थे, अब वे ट्रम्प के प्रमुख सहयोगी और उनके अभियान के प्रमुख वक्ता बन गए हैं। इसका प्रभाव ट्रम्प को आगामी चुनावों में कट्टरपंथी समर्थन मिलने में मददगार हो सकता है।

इसके बावजूद, वांस के चयन से नए मतदाताओं को आकर्षित करना कठिन हो सकता है और यह मध्यमार्गी मतदाताओं को निराश कर सकता है। यह आगामी चुनावों में एक दिलचस्प स्थिति उत्पन्न कर सकता है। जे डी वांस की यह यात्रा अभी समाप्त नहीं हुई है, और राजनीति के इस दौर के दौरान वे कौन-कौन से महत्वपूर्ण कदम उठाते हैं, यह देखना रोचक होगा।

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