जम्मू-कश्मीर के कठुआ में भाषण के दौरान बीमार पड़े मल्लिकार्जुन खड़गे, सभा में मची हलचल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कठुआ रैली के दौरान बीमार पड़े
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार, 29 सितंबर 2024 को जम्मू और कश्मीर के कठुआ जिले के जसरोता क्षेत्र में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते समय अचानक चक्कर आकर गिर पड़े। यह घटना उस समय हुई जब वह एक हेड कांस्टेबल को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे, जो कठुआ में आतंकवादियों के साथ चल रहे ऑपरेशन में शहीद हो गए थे। इस ऑपरेशन में दो अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए और एक आतंकवादी मारा गया था।
खड़गे के अचानक बीमार पड़ने से रैली में अफरातफरी मच गई। कांग्रेस महासचिव गुलाम अहमद मीर के अनुसार, खड़गे ने रैली के दौरान अस्वस्थता और चक्कर आने की बात कही, जिसके बाद उनके सहयोगियों ने तुरंत उन्हें एक कुर्सी पर बिठाया। तुरंत ही उन्हें चिकित्सा सहायता प्रदान की गई और अब वह स्थिर हैं और चिकित्सा देखरेख में हैं।
विधानसभा चुनाव के समर्थन में थे खड़गे
83 वर्षीय खड़गे कठुआ के जसरोता क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों के लिए जनसमर्थन प्राप्त करने के लिए विमान यात्रा से पहुंचे थे। सभा में उनके संबोधन के दौरान, खड़गे ने जम्मू और कश्मीर की राज्य की स्थिति और यहां के निवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता से हटाने के अपने लक्ष्य को पूरा करने से पहले नहीं मरेंगे।
खड़गे का जसरोता के बाद उद्यमपुर जिले के रामनगर में एक अन्य सार्वजनिक रैली में भी हिस्सा लेने का कार्यक्रम था। जम्मू और कश्मीर कांग्रेस के उपाध्यक्ष रविंद्र शर्मा ने कहा कि चिकित्सकों को बुलाकर खड़गे का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा और उसके बाद उन्हें दूसरी रैली में भाग लेने की सलाह दी जाएगी।
खड़गे की स्वास्थ्य स्थिति पर राजनीतिक हलकों में दिलचस्पी
खड़गे के अचानक बीमार पड़ जाने के बाद उनके स्वास्थ्य को लेकर कई राजनीतिक हलकों में चांचलता बढ़ गई है। हालांकि, पार्टी के नेताओं ने यह स्पष्ट किया है कि खड़गे पूरी तरह स्थिर हैं और उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर नियमित रूप से निगरानी रखी जा रही है। कांग्रेस के अनेक वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता इस घटना के बाद खड़गे की स्थिति पर नजदीक से नज़र रख रहे हैं।
खड़गे के सहयोगियों ने कहा कि उनकी उम्र के कारण कभी-कभी इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन वह लगातार अपने काम में जुटे रहते हैं और पार्टी के लिए सदैव सक्रिय रहते हैं। यह उनके प्रतिवद्धता की गवाही देता है कि वह किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया
जहां एक ओर इस घटना ने राजनीतिक हलचलों को बढ़ा दिया है, वहीं स्थानीय निवासियों और रैली में शामिल हुए लोगों ने अपनी चिंताओं को प्रकट किया है। खड़गे की तबीयत खराब होने पर वहां मौजूद लोग भी अचानक चिंतित हो गए और उन्होंने अपने प्रिय नेता की भलाई के लिए दुआएं मांगी।
आगामी चुनौतियां
खड़गे की इस घटना के बाद से कांग्रेस पर और भी चुनौतियां बढ़ सकती हैं। पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने इस परिस्थिति को पूरी राजनीतिक रणनीति के तहत संभालने की आवश्यकता पर जोर दिया है। कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि खड़गे की तबीयत की ख़बर का प्रभाव मतदाताओं पर भी पड़ सकता है।
जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के लिए आगामी विधानसभा चुनाव एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होने जा रहे हैं। पार्टी को मतदाताओं का भरोसा जीतने के लिए हर संभव प्रयास करने की आवश्यकता है। खड़गे की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, उनके अगले कदमों की दिशा में भी पार्टी नेतृत्व को सतर्क रहना होगा।
अंत में, यह घटना न केवल कांग्रेस पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा है, बल्कि खुद मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए भी एक नया अध्याय हो सकती है। उनके अगले कदम किस दिशा में बढ़ेंगे और वह किस प्रकार इस परिस्थिति से उबरते हैं, यह देखना भी महत्वपूर्ण होगा।