मनमोहन सिंह स्मृति स्थल का प्लॉट परिवार ने स्वीकारा, नई जगह तय

परिवार ने तय किया अंतिम स्थल

डिसंबर 2024 में इंटीरियर लीडरशिप को खोने के बाद, कई माह तक मनमोहन सिंह के लिए स्थायी स्मृति स्थल नहीं मिल सका था। अंततः उनके पति‑और‑बच्चों ने राष्ट्रीय स्मृति स्थल (Rashtriya Smriti Sthal) में प्रस्तावित 900 वर्ग मीटर का प्लॉट स्वीकार कर लिया। यह निर्णय उनके जीवन‑साथी गुरशरण कौर के औपचारिक पत्र के बाद आया, जो पिछले हफ्ते के साइट दौरे के बाद सरकार को भेजा गया।

दौरे में उनका बड़ा बेटा‑डॉटर उपिंदर सिंह और दूसरी बेटी दमन सिंह, साथ ही उनके जीवनसाथी शामिल थे। उनका कहना था कि इस जगह की रणनीतिक स्थिति उन्हें बहुत पसंद आई – यहाँ चंद्रशेखर की समाधि सीधे सामने है, और राष्ट्रपति आर.वेंकटारामन की स्मृति उसी के पीछे स्थित है। दोनों ओर गीनी जैल सिंह और जल्द ही स्थापित होने वाले प्राणब मुखर्जी के स्मारक की बीड़ा है।

उपिंदर ने बताया कि जमीन को एक ट्रस्ट को आवंटित किया जाएगा, जिसे जल्द ही परिवार स्थापित करेगा। इस ट्रस्ट को सरकार की शर्तों के तहत एक बार के लिए 25 लाख रुपये तक की निर्माण ग्रांट मिलने की संभावना है। यही ग्रांट स्मारक के डिजाइन, निर्माण सामग्री और लैंडस्केपिंग में मदद करेगी।

स्मारक निर्माण की प्रक्रिया

राष्ट्रीय स्मृति स्थल में अब केवल एक खाली प्लॉट बचा है; दूसरा खाली प्लॉट पहले प्राणब मुखर्जी के परिवार को जनवरी 2025 में प्रस्तावित किया गया था। इस कंप्लेक्स में कुल नौ समाधियाँ हैं, सभी एक समान वास्तुशिल्प शैली में बनी हैं, जिससे परिसर का सौंदर्य संतुलित रहता है।

निर्माण का काम सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (CPWD) करेगा, लेकिन खर्चा पूरी तरह से ट्रस्ट उठाएगा। सचिवालय ने बताया कि साइट मैपिंग, ज़ोनिंग और प्रारम्भिक डिज़ाइन पहले ही तैयार हैं, इसलिए ट्रस्ट के स्थापित होते ही काम तेज़ी से शुरू हो जाएगा।

  • प्लॉट का आकार: 900 वर्ग मीटर
  • भौगोलिक स्थिति: राजघाट के पास, राष्ट्रीय स्मृति स्थल के मध्य
  • निकटतम समाधियाँ: चंद्रशेखर (समक्ष), आर.वेंकटारामन (पीछे), गीनी ज़ैल सिंह व प्राणब मुखर्जी (पार्श्व)
  • सरकारी ग्रांट: अधिकतम ₹25 लाख
  • निर्माण जिम्मेदारी: CPWD, खर्चा: ट्रस्ट

यह कदम केवल एक स्मृति स्थल नहीं, बल्कि परिवार के लिए एक आश्रय भी है, जहाँ वे अपने पिता‑प्रमुख को सम्मानित कर सकते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मलिकरंजन खरगे ने पहले मोदी सरकार से अनुरोध किया था कि सिंह के अन्त्यसंस्कार के साथ ही एक स्थायी स्मारक की व्यवस्था की जाए। तब सरकार ने राष्ट्रीय स्मृति स्थल में दो खाली प्लॉट्स की पेशकश की, जिससे आज यह निर्णय संभव हुआ।

जबसे इस प्लॉट को स्वीकृति मिली है, परिवार ने ट्रस्ट की कार्यविधि, बोर्ड सदस्य और वित्तीय योजना तैयार करने में लग गई है। उन्होंने कहा कि स्मारक का डिजाइन मौजूदा समाधियों के साथ सामंजस्य रखेगा, और इसमें एक केंद्रीय ध्वजस्तम्भ, फव्वारे और मैट्रिकस जैसे तत्व शामिल होंगे। इस प्रकार, मनमोहन सिंह स्मृति स्थल न केवल एक धरोहर बनकर उभरेगा, बल्कि दिल्ली के स्मारक‑परिदृश्य में एक नई आकर्षण भी जोड़ देगा।

टिप्पणि:

  • Sourabh Jha

    Sourabh Jha

    सितंबर 27, 2025 AT 01:45

    भाईसाब, इस प्लॉट प लेकर पूरा देश गर्व से फूल उठेगा, सिचेंन रिप्रेसेंटेशन कुश न करिये!

  • Vikramjeet Singh

    Vikramjeet Singh

    अक्तूबर 1, 2025 AT 02:58

    नई जगह देख के लगा कि परिवार ने सही फैसला किया। आसपास के स्मारक भी बढ़िया लगेंगे।

  • sunaina sapna

    sunaina sapna

    अक्तूबर 5, 2025 AT 04:12

    परिवार द्वारा स्थापित किए जाने वाले ट्रस्ट का संचालन पारदर्शी ढंग से होना चाहिए; इससे भविष्य में सतत रखरखाव सुनिश्चित होगा।

  • Ritesh Mehta

    Ritesh Mehta

    अक्तूबर 9, 2025 AT 05:25

    स्मृति स्थल का निर्माण केवल सम्मान नहीं बल्कि नैतिक जिम्मेदारी भी है। इसे उचित रूप से किया जाना चाहिए।

  • Dipankar Landage

    Dipankar Landage

    अक्तूबर 13, 2025 AT 06:38

    वाह! इस नई जगह को देखे बिना मन नहीं लगेगा, जैसे इतिहास का नया अध्याय खुल रहा हो!

  • Vijay sahani

    Vijay sahani

    अक्तूबर 17, 2025 AT 07:52

    ये प्लॉट परिवार के लिए बस एक जमीन नहीं, बल्कि भविष्य की किरणों से भरा एक कैनवास है, जहाँ हम सब मिलकर रंग भरेंगे!

  • Pankaj Raut

    Pankaj Raut

    अक्तूबर 21, 2025 AT 09:05

    विक्रमजीत की बात सही है, पर ट्रस्ट का वित्तीय ढांचा भी देखना ज़रूरी है।

  • Rajesh Winter

    Rajesh Winter

    अक्तूबर 25, 2025 AT 10:18

    डिपांकर ने कहा सही, ये स्थल हमारे सांस्कृतिक परिदृश्य को नया आयाम देगा।

  • Archana Sharma

    Archana Sharma

    अक्तूबर 29, 2025 AT 11:32

    नए स्मृति स्थल का निर्माण देखकर दिल खुश हो गया 😊

  • Vasumathi S

    Vasumathi S

    नवंबर 2, 2025 AT 12:45

    मनमोहन सिंह का स्मृति स्थल चुनना इतिहास के पुनरुच्चारण का एक महत्वपूर्ण कदम है।
    यह केवल एक भौतिक संरचना नहीं, बल्कि लोकतंत्र की विचारधारा का प्रतीक है।
    परिवार द्वारा प्रस्तावित प्लॉट का चयन रणनीतिक स्थल के निकटता से जुड़ा है, जिससे राष्ट्रीय स्मृति के बीच एक सामंजस्य स्थापित होता है।
    चंद्रशेखर का समाधि समक्ष और आर. वेंकटारमन का स्मृति पीछे स्थित होने से एक समग्र कथा उत्पन्न होती है।
    गीनी ज़ैल सिंह और प्राणब मुखर्जी के स्मारक भी इस परिसर में सामुदायिक इतिहास को पूरक करेंगे।
    ट्रस्ट को स्थापित कर सरकारी ग्रांट की व्यवस्था करना वित्तीय नियोजन में पारदर्शिता लाता है।
    CPWD द्वारा निर्माण कार्य का संभालना तकनीकी मानकों की गारंटी देता है।
    900 वर्ग मीटर का प्लॉट उचित आकार प्रदान करता है, जिससे डिज़ाइन में लचीलापन मिलता है।
    केंद्रीय ध्वजस्तंभ, फव्वारा और मैट्रिकस जैसे तत्व परियोजना में प्रतीकात्मकता जोड़ते हैं।
    यह स्थल भविष्य में शैक्षिक दौरे और सार्वजनिक विमर्श का केंद्र बन सकता है।
    स्मृति स्थल के आसपास की ज़ोनिंग और लैंडस्केपिंग पर्यटक अनुभव को समृद्ध करेगी।
    परिवार के द्वारा ट्रस्ट बोर्ड का गठन यह सुनिश्चित करेगा कि प्रबंधन में निरंतरता बनी रहे।
    ऐसी पहलें राष्ट्रीय पहचान को सुदृढ़ करती हैं और नागरिकों में गर्व की भावना को जागृत करती हैं।
    मीडिया को इस विकास को सकारात्मक रूप से प्रकाशित करना चाहिए, जिससे सार्वजनिक सहयोग बढ़े।
    अन्त में, इस स्मृति स्थल को भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक सीख और प्रेरणा का स्रोत बनाना हमारा सामूहिक दायित्व है।

  • Anant Pratap Singh Chauhan

    Anant Pratap Singh Chauhan

    नवंबर 6, 2025 AT 13:58

    वसुमा जी के विचारों से पूरी तरह सहमत हूँ, इस पहल से राष्ट्रीय एकता और मजबूत होगी।

  • Shailesh Jha

    Shailesh Jha

    नवंबर 10, 2025 AT 15:12

    आर्थिक ग्रांट की सीमा 25 लाख है, इसे KPI के हिसाब से इब्से कंबाइन कर ट्रस्ट को फंडिंग मिलनी चाहिए।

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