NEET UG 2024: सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई, ग्रेस मार्क्स विवाद की गहराई में
NEET UG 2024: सुप्रीम कोर्ट में ग्रेस मार्क्स विवाद पर सुनवाई
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (UG) 2024 को लेकर चल रहे विवाद में एक नया मोड़ आया जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर सुनवाई शुरू की। छात्रों और अभिभावकों के बीच गहराते विवाद की जड़ ग्रेस मार्क्स को लेकर है जो नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित इस मेडिकल प्रवेश परीक्षा में दी गई थी। इस मुद्दे ने तब और तूल पकड़ा जब परीक्षा में कदाचार और पेपर लीक जैसी गंभीर आरोपों के साथ याचिकाएं दाखिल की गईं।
पिछले विवाद और वर्तमान स्थिति
यह विवाद कोई नया नहीं है। परीक्षा खत्म होने के बाद से ही यह मसला उठाया जा रहा था कि कई छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं, जिससे कई योग्यता रखने वाले छात्रों को नुकसान हुआ है। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से गुहार लगाई है कि परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए इस मामले में कठोर कदम उठाए जाएं। इससे छात्रों और उनके अभिभावकों में परीक्षा प्रणाली के प्रति विश्वास भी बहाल हो सकेगा।
मामले की जड़: ग्रेस मार्क्स और कदाचार
ग्रेस मार्क्स देने की प्रक्रिया को आमतौर पर उन मामलों में अपनाया जाता है जहां प्रश्नपत्र में गलतियां होती हैं या फिर प्रश्नों को ठीक तरीके से नहीं प्रस्तुत किया गया होता है। हालांकि, इस बार समस्याएं कुछ और थीं। कई याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि NTA द्वारा आयोजित परीक्षा में न केवल कदाचार हुआ है बल्कि पेपर लीक और पूर्व आयोजक केंद्रों पर अनुचित तरीकों से छात्रों को मदद दी गई है। इन आरोपों ने मामले को और भी गंभीर बना दिया है।
सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला केवल ग्रेस मार्क्स का नहीं है बल्कि पूरे परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है। कोर्ट ने कहा कि शिक्षा प्रणाली में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप या अनुचित व्यवहार छात्रों के भविष्य को खतरे में डाल सकता है। कोर्ट ने NTA को निर्देश दिया है कि वह सभी आरोपों की गहन जांच करें और रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
याचिकाकर्ताओं की मांग
याचिकाकर्ताओं की मुख्य मांग है कि परीक्षा को पुनः आयोजित किया जाए ताकि छात्र जिन्होंने कड़ी मेहनत की है उन्हें न्याय मिल सके। वे चाहते हैं कि कोर्ट निष्पक्षता सुनिश्चित करे और यह भी जांच करे कि NTA द्वारा परीक्षा की प्रक्रिया में कहां-कहां खामियां रहीं। यह भी मांग की गई है कि परीक्षा प्रणाली में सुधार हो ताकि भविष्य में इस प्रकार की समस्याएं न आएं।
भविष्य पर प्रभाव
इस पूरे मामले का भविष्य के मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। अगर कोर्ट याचिकाकर्ताओं की मांग को मान लेती है तो यह संभव है कि परीक्षा को पुनः आयोजित किया जाए। इसके अलावा, यह भी संभव है कि NTA परीक्षाओं की प्रक्रिया में बड़े बदलाव करें ताकि इस प्रकार के विवादों से बचा जा सके।
सभी की निगाहें अदालत पर
इस बात में कोई संदेह नहीं है कि इस मामले से सम्बंधित सभी पक्ष अदालत के निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे हैं। छात्रों और उनके अभिभावकों के भविष्य के साथ-साथ परीक्षा प्रणाली की निष्पक्षता भी इस फैसले पर निर्भर है। NTA और अन्य साक्षात्कारियों ने अपने पक्ष प्रस्तुत किए हैं और अब अदालत का निर्णय ही तय करेगा कि NEET UG 2024 की परीक्षा कितनी पारदर्शी और निष्पक्ष थी।