भारतीय फुटबॉल के सबसे सफल और लोकप्रिय खिलाड़ियों में से एक सुनील छेत्री ने हाल ही में अपने संन्यास की घोषणा की है। छेत्री ने 6 जून को कोलकाता में कुवैत के खिलाफ फीफा विश्व कप क्वालीफायर मैच के बाद फुटबॉल को अलविदा कहने का फैसला किया है। उनके इस फैसले पर पूर्व भारतीय कप्तान भाईचुंग भूटिया ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
भूटिया ने छेत्री की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी कड़ी मेहनत, जुनून और पेशेवर रवैया उन्हें अपने साथियों से अलग बनाता है। भूटिया ने कहा, "सुनील की सफलता का राज उनका समर्पण, फोकस और हर दिन बेहतर होने की लालसा है। उन्होंने भारतीय फुटबॉल में काफी योगदान दिया है।"
छेत्री और भूटिया ने एक साथ भारतीय टीम में शानदार स्ट्राइक पार्टनरशिप बनाई थी। भूटिया ने स्वीकार किया कि छेत्री ने आगे चलकर उनके रिकॉर्ड तोड़ दिए। उन्होंने कहा, "सुनील ने जो कुछ हासिल किया है वह अविश्वसनीय है। उन्होंने मेरे कई रिकॉर्ड तोड़े और भारत के लिए सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी बने।"
छेत्री की फोकस और दृढ़ता
भूटिया ने छेत्री की फोकस बनाए रखने और राह से भटकने से बचने की क्षमता की भी सराहना की। उन्होंने कहा, "कई खिलाड़ी अपने करियर के दौरान फोकस खो देते हैं, लेकिन सुनील ऐसा कभी नहीं हुआ। वह हमेशा अपने खेल पर केंद्रित रहे और लगातार सुधार करते रहे।"
छेत्री ने भी भूटिया को अपने करियर को प्रभावित करने का श्रेय दिया है, खासकर अपने शुरुआती दिनों में। उन्होंने कहा, "भाई ने मेरे करियर को काफी प्रभावित किया है। उनके साथ खेलना और उनसे सीखना मेरे लिए सौभाग्य की बात रही है।"
भारतीय फुटबॉल के लिए बड़ा नुकसान
छेत्री के संन्यास को भारतीय फुटबॉल के लिए एक बड़े नुकसान के रूप में देखा जा रहा है। भूटिया ने कहा, "सुनील का संन्यास भारतीय फुटबॉल के लिए एक बड़ी क्षति है। उनकी कमी खलेगी। हालांकि, वह हमेशा भारत के महानतम खिलाड़ियों में से एक के रूप में याद किए जाएंगे।"
छेत्री का शानदार करियर
सुनील छेत्री का करियर उपलब्धियों से भरा रहा है। उन्होंने भारत के लिए सर्वाधिक 84 अंतरराष्ट्रीय गोल किए हैं। कुछ प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं:
- भारत के लिए सर्वाधिक कैप (124) हासिल करने वाले खिलाड़ी
- एएफसी एशियन कप (2011) में भारत के शीर्ष स्कोरर
- आईएसएल में सर्वाधिक गोल (48) करने वाले खिलाड़ी
- दो बार आईएसएल चैंपियन (2015 और 2018-19)
छेत्री को उनके शानदार करियर के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा गया, जिनमें अर्जुन पुरस्कार (2011) और पद्म श्री (2019) शामिल हैं।
निस्संदेह, सुनील छेत्री भारतीय फुटबॉल के सबसे बड़े स्टार रहे हैं। उनके संन्यास के बाद उनकी कमी जरूर खलेगी, लेकिन उनकी विरासत हमेशा अमर रहेगी। उनके योगदान और उपलब्धियों को हमेशा याद किया जाएगा।
KRISHAN PAL YADAV
मई 16, 2024 AT 21:43