द्वि-स्क्रीन स्मार्टफोन: क्या है और क्यों चर्चा में है?
जब हम मोबाइल की बात करते हैं, तो द्वि-स्क्रीन स्मार्टफोन, एक ऐसा मोबाइल डिवाइस जिसमें दो स्वतंत्र स्क्रीन एक ही बॉडी में जुड़ी होती हैं. Also known as ड्यूल स्क्रीन फ़ोन, it उपयोगकर्ता को मल्टीटास्किंग और विस्तृत दृश्य अनुभव देता है. इस तकनीक ने पिछले सालों में कई बड़े ब्रांडों को रुझान बदलने पर मजबूर किया है। आप एक ही डिवाइस पर वीडियो देख सकते हैं, जबकि दूसरा स्क्रीन चैट या नोट्स के लिए खुला रहता है। यही कारण है कि द्वि-स्क्रीन स्मार्टफोन अक्सर ‘उत्पादकता का नया चेहरा’ कहा जाता है।
इस बदलाव की रीढ़ डुअल स्क्रीन तकनीक, दो स्क्रीन को अनुकूलित रूप से चलाने के लिए सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों का संयोजन. तकनीकी दृष्टि से यह सिर्फ दो डिस्प्ले नहीं, बल्कि स्क्रीन‑टू‑स्क्रीन कम्युनिकेशन, कस्टम UI लेयर और एआई‑सहायता वाले जेस्चर कंट्रोल का मिश्रण है। उदाहरण के तौर पर, गेमिंग में एक स्क्रीन पर मुख्य गेम जबकि दूसरी पर मैप या चैट दिखती है, जिससे खेल तेज़ और सुविधाजनक बनता है। यही कारण है कि कई डेवलपर्स अब अपने ऐप्स में डुअल‑स्क्रीन मोड सपोर्ट जोड़ रहे हैं, जिससे यूज़र एंगेजमेंट बढ़ता है।
डुअल स्क्रीन को अक्सर फ़ोल्डेबल स्मार्टफोन, एक ऐसा फोन जो एक ही स्क्रीन को मोड़कर दो प्रयोगीय आकार बनाता है. से तुलना की जाती है। दोनों में ‘एक से अधिक डिस्प्ले’ का विचार है, पर फ़ोल्डेबल में स्क्रीन फोल्डिंग मैकेनिज्म पर निर्भर करता है, जबकि द्वि‑स्क्रीन में दो स्थिर पैनल होते हैं जो अलग‑अलग कार्यों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। फ़ोल्डेबल फोन अक्सर बुक की तरह खुलते‑बंद होते हैं, इसलिए बारीक मोशन पर धक्का देना पड़ता है, जबकि द्वि‑स्क्रीन में एक ही पिन पर दो पैनल जुड़े होते हैं, जिससे टिकाऊपन में थोड़ा फायदा मिलता है। दोनों के बीच अंतर समझना जरूरी है, क्योंकि उपयोगकर्ता की आवश्यकता के अनुसार ही सही डिवाइस चुनना चाहिए।
की बात करें सॉफ़्टवेयर की, तो एंड्रॉयड OS, गूगल द्वारा विकसित मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम, जो डुअल स्क्रीन ऐप्स के लिए खुला मंच प्रदान करता है. इस प्लेटफ़ॉर्म पर कई डेवलपर्स ने ‘ड्यूल‑स्क्रीन मोड’ अंतःक्रिया बनाई है। आप गूगल मैप्स को बाएँ स्क्रीन पर और नोट्स को दाएँ पर खोल सकते हैं, या YouTube को एक स्क्रीन पर चलाते हुए दूसरा पर रियल‑टाइम चैट के साथ इंटरैक्ट कर सकते हैं। iOS में भी अब समान सपोर्ट आने की संभावना बढ़ रही है, लेकिन अभी तक Android ही प्रमुख है। इस कारण से हमारे समाचार शैली में कई टेक‑सम्बंधी लेख, जैसे Google का 27वां जन्मदिन या IRCTC की सुरक्षा उपाय, अक्सर इस प्लेटफ़ॉर्म पर बड़े फ़ायदे दिखाते हैं।
उपभोक्ता व्यवहार भी इस नई तकनीक को तेज़ी से अपनाने की ओर इशारा कर रहा है। 2025 में भारत में स्मार्टफ़ोन की औसत कीमत में किफ़ायती मॉडल का हिस्सा बढ़ा, जबकि हाई‑एंड ड्यूल‑स्क्रीन फ़ीचर वाले फ़ोन का प्री‑ऑर्डर भी बढ़ा। इसी समय हमारा पोर्टल ‘समाचार शैली’ ने तकनीकी सेक्शन में कई रिपोर्ट प्रकाशित की, जैसे टाटा मोटर्स का साइबर हमला या सोने की कीमतें, ताकि पाठक समझ सकें कि तकनीकी परिवर्तन आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों को कैसे प्रभावित कर रहे हैं। यदि आप इस तकनीक की संभावनाओं, उपयोग मामलों और बाजार में उसकी स्थिति के बारे में ठोस जानकारी चाहते हैं, तो नीचे दिए गए लेखों में गहराई से पढ़ सकते हैं। ये लेख आपको ड्यूल‑स्क्रीन की कार्यप्रणाली, फ़ोल्डेबल के साथ तुलना, और Android‑आधारित ऐप इकोसिस्टम के बारे में विस्तृत अंतर्दृष्टि देंगे। अब आगे बढ़ते हैं और देखिए हमारे curated पोस्ट्स में क्या क्या कवर्ड है।
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