तूफान यागी का कहर: वियतनाम, चीन और फिलीपींस में घातक तूफान से दर्जनों मौतें

वियतनाम में तूफान यागी का प्रभाव

इस साल एशिया में आया सबसे प्रचंड तूफान, यागी, ने वियतनाम, चीन और फिलीपींस में भारी तबाही मचाई है। वियतनाम में शनिवार की दोपहर इस तूफान ने लैंडफॉल किया, जिससे वहां कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई। वियतनाम की राजधानी हनोई में तीन लोगों की मौत की खबरें हैं, जबकि होआ बिन्ह प्रांत में एक भूस्खलन के कारण चार अन्य लोग मारे गए। हाइ दुआंग प्रांत में एक 53 वर्षीय मोटरसाइकिल चालक गिरते पेड़ के नीचे आकर मारा गया और एक अन्य शव हालोंग के तट के पास समुद्र से बरामद किया गया।

वियतनाम में तूफान ने बिजली और संचार सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित किया। राजधानी हनोई में राहत कार्य जारी है, जहाँ तूफान के कारण भारी बाढ़, हजारों पेड़ों का उखड़ना और घरों का नुकसान हुआ है। हनोई के नोई बाई इंटरनेशनल एयरपोर्ट को रविवार को ही फिर से खोला गया है, जो पहले शनिवार की सुबह बंद कर दिया गया था।

चीन में तूफान का कहर

हाइनान, चीन में चार लोगों की जान चली गई है और व्यापक स्तर पर बिजली गुल हो गई है। तूफान यागी ने इलाके में आर्थिक क्षति भी पहुंचाई है। चीन के दक्षिणी हिस्से में घरों को भारी नुकसान हुआ है, और बचाव अभियान जारी है। चीन के मौसम विभाग ने भी चेतावनी दी है कि अभी भी फ्लैश फ्लडिंग और संभावित भूस्खलन का खतरा बना हुआ है।

फिलीपींस में तबाही

फिलीपींस, तूफान यागी से सबसे पहले प्रभावित होने वाला देश, में मृतकों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है, और 22 लोग अभी भी लापता हैं। पहाड़ी इलाकों और तटीय प्रांत थान होआ में आगे फ्लैश फ्लड का खतरा बना हुआ है। तूफान के कारण उत्पन्न बड़ी लहरों ने बिजली और संचार सेवाओं को व्यापक स्तर पर बाधित किया है, जिससे नुकसान का आकलन करने में दिक्कतें आई हैं।

सरकारी अधिकारियों द्वारा गिरते पेड़ों को सड़कों से हटाने का काम चल रहा है और बाढ़ ग्रस्त इलाकों में राहत कार्य जारी है। हनोई में रविवार सुबह एक हद तक शांति लौटने लगी थी, मगर खतरे की संभावना अभी भी बनी हुई है क्योंकि बादल अभी भी भरे हुए दिख रहे हैं।

तूफान के कारण तटीय इलाकों में चार मीटर तक की लहरें उठी, जिससे बिजली और दूरसंचार के कामों में बड़े पैमाने पर रुकावट आई। स्थिति बेहतर होने पर रविवार को बचाव अभियान शुरू होने की उम्मीद है। तूफान यागी ने जो तबाही मचाई है, उसकी भरपाई करने में सरकार और स्थानीय प्रशासन को काफी समय और संसाधनों की आवश्यकता होगी।

टिप्पणि:

  • Dhara Kothari

    Dhara Kothari

    सितंबर 8, 2024 AT 19:28

    इतनी तेज़ बाढ़ और तूफ़ान ने लोगों के जीवन को बर्बाद कर दिया है 😢। सबको अपने-अपने घरों में सुरक्षित रहने की सलाह देता हूँ। अनेक परिवारों ने अपने घरों, सामान और प्रियजनों को खो दिया है। आशा है कि राहत कार्य जल्द ही सभी तक पहुंचेगा।

  • Sourabh Jha

    Sourabh Jha

    सितंबर 10, 2024 AT 07:36

    इंडिया का सच्चा जवान सच्चाई को देखता है, और हमे ये सारा नुक्सान देख कर गुस्सा आया है। बहार के देशों की मौज नहीं, हमारा अपना सुदूर पूर्व भी बर्बाद हो रहा है। ऐसे में हमें अपनी ताकत दिखानी चाहिए, तो आपका टॉप एक्शन क्या है?

  • Vikramjeet Singh

    Vikramjeet Singh

    सितंबर 11, 2024 AT 20:16

    आज बहुत बुरा दिन है। लोगों को बचाने की कोशिश जारी है। सबको दुआओं में याद रखेंगे

  • sunaina sapna

    sunaina sapna

    सितंबर 13, 2024 AT 09:13

    यह त्रासदी हमें प्रकृति के साथ हमारी असंतुलित सहभागिता की गंभीर याद दिलाती है। जब हम मानवीय विकास की दौड़ में प्रकृति को अनदेखा करते हैं, तब ऐसी बिखरी हुई बयारी हमें चौंका देती है। इस समय हमें केवल शोक नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी की भावना भी अपनानी चाहिए।
    प्रथम, प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित राहत प्रदान करना अत्यावश्यक है; इसमें भोजन, शुद्ध जल, चिकित्सा सुविधाएँ और अस्थायी आश्रय शामिल हैं। द्वितीय, बाढ़ और तूफ़ान के बाद बचे हुए बुनियादी ढाँचे का पुनर्निर्माण नियोजित रूप से होना चाहिए, जिससे पुनरावृत्ति को रोका जा सके।
    तीसरा, स्थानीय प्रशासन को दीर्घकालिक आपदा प्रबंधन योजना बनानी चाहिए-सड़क, पुल, जल निकासी प्रणाली आदि को सुदृढ़ कर। चौथा, समुदायों को जागरूकता और तैयारियों के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में लोग स्वावलंबी तरीके से अपनी सुरक्षा कर सकें।
    पाँचवाँ, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और विशेषज्ञ सलाह को अपनाना चाहिए, क्योंकि जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक समस्या है।
    अंततः, हमें यह समझना चाहिए कि मानवता और प्रकृति के बीच समरसता ही स्थायी विकास का आधार है। इस सोच को अपनाकर ही हम और अधिक जानबूझकर तथा प्रभावी उत्तरदाता बन सकते हैं।

  • Ritesh Mehta

    Ritesh Mehta

    सितंबर 14, 2024 AT 22:10

    बिना ईमानदारी के राहत का कोई मतलब नहीं

  • Dipankar Landage

    Dipankar Landage

    सितंबर 16, 2024 AT 11:06

    क्या दँड बताया है यह तूफ़ान! लहरें चार मीटर तक उठ गई, जैसे कोई अंजान ताड़ी धड़ाम के साथ बेज़रती हो। बत्ती और नेटवर्क कट गए, सब लोग घबरा गए। लेकिन देखो, लोगों के चेहरों पर हिम्मत की चमक भी दिखी। यही असली नाटक है, दर्द और आशा दोनों साथ-साथ चलते हैं।

  • Vijay sahani

    Vijay sahani

    सितंबर 18, 2024 AT 00:03

    उम्म… देखो, इतनी बड़ी बाढ़ में सबको एक साथ खड़ा होना पड़ेगा। उत्साह बढ़ाओ, एक-दूसरे की मदद करो, और रेकवरी की राह बनाओ। जीवन फिर से मुस्कराएगा, बस थोड़ा धैर्य रखो।

  • Pankaj Raut

    Pankaj Raut

    सितंबर 19, 2024 AT 13:00

    भाई, तुमका बात सही है.. मदद क रोड़ पर सबको एकजुट होके आगे बढ़ना चाहिए। चलो, मिलके सॉल्यूशन ढूँढते हैं।

  • Rajesh Winter

    Rajesh Winter

    सितंबर 21, 2024 AT 01:56

    भाई, तुम्हारी बात बहुत सही है। मैं भी मदद के लिए कुछ संसाधन जोड़ रहा हूँ।

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