विकी कौशल की 'छावा' ने बॉक्स ऑफिस पर मचाया धमाल, 'उरी' को पछाड़ते हुए बनी सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म

विकी कौशल की 'छावा' का शानदार बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन

बॉलीवुड अभिनेता विकी कौशल की ऐतिहासिक फिल्म 'छावा' ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया है। इसने आठ दिनों में ₹242.25 करोड़ की कमाई कर ली है, जिससे यह विकी की अब तक की सबसे बड़ी हिट बन गई है। इससे पहले, 'उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक' विकी की सबसे बड़ी कमाई करने वाली फिल्म थी।

फिल्म का निर्देशन लक्ष्मण उतेकर ने किया है और यह महान मराठा योद्धा, छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन को दर्शाती है, जिन्होंने मुगल बादशाह औरंगजेब के खिलाफ वीरता दिखाई थी। फिल्म में विकी कौशल के साथ रश्मिका मंदाना, अक्षय खन्ना, आशुतोष राणा और डायना पेंटी अहम भूमिकाओं में हैं।

प्रशंसा और सफलता के संग संग चलती

प्रशंसा और सफलता के संग संग चलती

'छावा' को अपनी रिलीज के बाद से ही दर्शकों से शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है। फिल्म को कई राज्यों में कर मुक्त कर दिया गया है, जिससे दर्शकों की संख्या में इजाफा हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी एक साहित्यिक कार्यक्रम के दौरान फिल्म की तारीफ की, जिस वजह से फिल्म को और अधिक प्रचार मिला।

इस फिल्म का मुकाबला 'मेरे हसबैंड की बीवी' जैसी नई रिलीज से था, लेकिन इसे टक्कर देना मुश्किल साबित हुआ। 'छावा' ने अपने दूसरे शुक्रवार को ₹23 करोड़ की कमाई करी और अपनी लोकप्रियता बनाए रखी। विशेषज्ञ मानते हैं कि फिल्म की कुल कमाई ₹375 से ₹400 करोड़ तक पहुंच सकती है।

इसकी सफलता का श्रेय मजबूत वर्ड ऑफ माउथ, सांस्कृतिक जुड़ाव और विकी कौशल की जबरदस्त परफॉर्मेंस को दिया जा सकता है। 'छावा' की यह सफलता विकी के करियर में एक बड़ा मील का पत्थर साबित हो रही है, जो उन्हें नए स्तर पर ले जा सकती है।

टिप्पणि:

  • Neeraj Tewari

    Neeraj Tewari

    मार्च 1, 2025 AT 19:36

    विकी कौशल की 'छावा' सिर्फ़ एक एक्शन फिल्म नहीं, यह हमारे इतिहास की गूँज है। जब संभाजी महाराज की वीरता स्क्रीन पर आती है, तो दर्शक अपनी जड़ों से जुड़ते हैं। बॉक्स ऑफिस की इस सफलता का मतलब है कि जनता को इस तरह की राष्ट्रीय कहानी चाहिए। ऐसा लगता है कि सिनेमा अब फिर से सामाजिक जुड़ाव की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।

  • Aman Jha

    Aman Jha

    मार्च 19, 2025 AT 19:36

    बहुत ही दिलचस्प दास्तान है, फिल्म में इतिहास और मनोरंजन का संतुलन बखूबी दिख रहा है। कलाकारों की एक्टिंग और बड़े पैमाने की सेटिंग्स ने तस्वीर को जीवंत बना दिया। यह देखना अच्छा लग रहा है कि लोग अपनी सांस्कृतिक विरासत को बड़े पर्दे पर सराह रहे हैं। मैं मानता हूँ कि इस तरह की फिल्में दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती हैं। यह इक अच्छा संदेश भी देती है कि साहस और आत्मविश्वास कभी पीछे नहीं हटते।

  • Mahima Rathi

    Mahima Rathi

    अप्रैल 6, 2025 AT 19:36

    इतनी ही, मुँह में पानी आ गया! 😑

  • Jinky Gadores

    Jinky Gadores

    अप्रैल 24, 2025 AT 19:36

    सच में ये फिल्म दिल को छू गई है हर सीन में दर्द और उत्साह का मिश्रण है देख कर ऐसा लगता है मानो हम सब उस दौर में बैठे हों

  • Vishal Raj

    Vishal Raj

    मई 12, 2025 AT 19:36

    विकी का किरदार उतना ही जबरदस्त है जितना उसके शारीरिक ट्रेनिंग का प्रमाण है। फिल्म का बजट और मार्केटिंग रणनीति भी इस कमाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यदि आप बॉक्स ऑफिस के आंकड़ों को देखें तो यह स्पष्ट है कि 'छावा' ने हर मापदंड पर अपनी छाप छोड़ी है। इसके अलावा, इसे कई राज्यों में कर मुक्त घोषित किया गया, जिससे दर्शकों की पहुँच और भी बढ़ी।

  • Kailash Sharma

    Kailash Sharma

    मई 30, 2025 AT 19:36

    क्या बात है! इस फिल्म ने हर सिनेमाघर को भर दिया! दर्शकों की दीवानगी साफ़ देखी जा सकती है!

  • Shweta Khandelwal

    Shweta Khandelwal

    जून 17, 2025 AT 19:36

    ऐसी फिल्म जो इतिहास को ऐसे मोड़ दे जैसे आजकल के क़ानून होते हैं, वो बस एक झांसा है। सरकार के टैक्स फ़्री फैसले के पीछे शायद कुछ छिपी हुई मर्जी है, नहीं तो ऐसा जादू क्यों? कुछ लोग कहेंगे ये सिर्फ़ पॉपुलर एंटरटेनमेंट है लेकिन मैं कहूँगा ये राष्ट्रीय भावना का बड़ा पोरन है। हमारे देश में आज भी कई लोग इस तरह की कहानी को सुना‑सुनाया करने में खुद को बोर नहीं होते।

  • sanam massey

    sanam massey

    जुलाई 5, 2025 AT 19:36

    पहला वाक्य: इतिहास का पुनर्जन्म हमेशा ही सिनेमाई कला की सबसे बड़ी चुनौती रही है।
    दूसरा वाक्य: जब हम 'छावा' जैसा महाकाव्य देखते हैं, तो यह केवल मनोरंजन नहीं बल्कि एक सामाजिक दर्पण बन जाता है।
    तीसरा वाक्य: फिल्म में दिखाए गए संघर्षों को वर्तमान के युवा वर्ग की आत्म-खोज से जोड़ा जा सकता है।
    चौथा वाक्य: फिल्म के प्रत्येक दृश्य में छत्रपति संभाजी महाराज की दृढ़ता और सिद्धांतों की झलक मिलती है।
    पाँचवाँ वाक्य: इस दृढ़ता को हम आज के राष्ट्रीय भावना की नब्ज़ के रूप में समझ सकते हैं।
    छठा वाक्य: दर्शक जब इस कहानी को देखते हैं, तो अपने अंदर की लहरों को महसूस करते हैं, जैसे कोई पुरानी यादें जाग उठें।
    सातवाँ वाक्य: इस प्रकार की फिल्में न केवल बॉक्स ऑफिस पर बल्कि दिलों में भी राज करती हैं।
    आठवाँ वाक्य: हम यह नहीं भूल सकते कि इस फिल्म ने छोटे-छोटे गांवों में भी चर्चा को जन्म दिया।
    नौवाँ वाक्य: विभिन्न भाषाई क्षेत्रों में इसके विभिन्न संस्करणों ने एक नई सांस्कृतिक पुल बनायी।
    दसवाँ वाक्य: इस पुल को पार करते हुए जनसमुदाय ने एकता और सहयोग की भावना को पुनः स्थापित किया।
    ग्यारहवाँ वाक्य: राष्ट्रीय इतिहास को पुनः लिखने की कोशिश में, 'छावा' ने हमें अपने अतीत से जुड़ने का अवसर दिया।
    बारहवाँ वाक्य: इस जुड़ाव ने युवा पीढ़ी को प्रेरित किया कि वे भी अपने क्षेत्रों में बदलाव लाने का साहस दिखाएँ।
    तेरहवाँ वाक्य: फिल्म की सफलता से यह स्पष्ट होता है कि सच्ची कहानी हमेशा दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
    चौदहवाँ वाक्य: इसलिए, हमें इन तरह के प्रोजेक्ट्स को समर्थन देना चाहिए, ताकि सांस्कृतिक धरोहर संजीवित रहे।
    पंद्रहवाँ वाक्य: अंत में, 'छावा' सिर्फ़ एक फिल्म नहीं, यह एक आंदोलन है जो भारत के हर कोने में गूँज रहा है।

  • jinsa jose

    jinsa jose

    जुलाई 23, 2025 AT 19:36

    हमारी सांस्कृतिक विरासत को इस तरह के व्यावसायिक ढंग से प्रस्तुत करना सही नहीं है। ऐतिहासिक तथ्यों की सटीकता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, न कि मात्र बॉक्स ऑफिस की आकड़ें। ऐसी फिल्में अगर सही ढंग से बनाई जाएँ तो राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकती हैं, नहीं तो वे केवल लुभावना व्यापार बनकर रह जाती हैं।

  • Suresh Chandra

    Suresh Chandra

    अगस्त 10, 2025 AT 19:36

    बहुत बढ़िया फिल्म है भाई 🙌 बिल्लकुल एंट्री कर दियो सबको😂 लुक़्क लाएगा

  • Digital Raju Yadav

    Digital Raju Yadav

    अगस्त 28, 2025 AT 19:36

    ऐसी शानदार फिल्म हमें गर्व महसूस कराती है! चलिए, हर कोई इस राजसी कहानी को देखे और सिनेमा का जश्न मनाए! बॉक्स ऑफिस का यह जलवा आगे भी चलता रहे!

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