विश्व नो टोबैको डे 2024: तंबाकू के उपयोग से हृदय स्वास्थ्य पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभाव

विश्व नो टोबैको डे 2024: तंबाकू के उपयोग से हृदय स्वास्थ्य पर प्रभाव

हर साल, 31 मई को विश्व नो टोबैको डे मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य तंबाकू के उपयोग के खतरों के बारे में जागरूकता फैलाना और लोगों को इस बुरी आदत से दूर करना है। तंबाकू उद्योग अक्सर बच्चों को अपने लक्षित विज्ञापन का निशाना बनाता है, जिससे वह जल्दी ही इस आदत के शिकार हो जाते हैं। इसीलिए इस वर्ष का विषय है ‘तंबाकू उद्योग हस्तक्षेप से बच्चों की सुरक्षा’।

तंबाकू के नुकसान

तंबाकू सेवन से हर साल 80 लाख लोगों की मौत होती है, जिसमें 13 लाख गैर-धूम्रपान करने वाले भी शामिल हैं, जो अन्य धूम्रपान करने वालों से निकले धुएं के संपर्क में आते हैं। तंबाकू का उपयोग न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक समस्याओं के लिए भी जिम्मेदार है।

धूम्रपान हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। इस पर Marengo Asia Hospital, Gurugram की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. प्रतिभा डोगरा का कहना है कि तंबाकू सेवन से धमनियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे हृदय तक रक्त और ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है। धूम्रपान से आर्टरी ब्लॉकेज, उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी रोगों का खतरा बढ़ जाता है।

हृदय स्वास्थ्य पर तंबाकू के प्रभाव

धूम्रपान करने से आर्टरीस में एथरोस्क्लेरोसिस (धमनी-काठिन्य) की समस्या होती है, जिससे रक्त चाप बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। यह स्थिति हृदय, मस्तिष्क, और शरीर के अन्य अंगों को रक्त की आपूर्ति कम कर देती है। परिणामस्वरूप, परिधीय धमनी की बीमारी (PAD) हो सकती है, जिससे पैरों और बाहों में दर्द, सुन्नता, संक्रमण और अल्सर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

तंबाकू के उपयोग से उपजी इन समस्याओं का समाधान उसके सेवन में कटौती करने में है। डॉ. डोगरा ने जोर देकर कहा कि तंबाकू का उपयोग बंद करने से न केवल हृदय संबंधी समस्याएं कम होंगी, बल्कि फेफड़ों का कैंसर, प्रजनन समस्याएं और अन्य घातक बीमारियों का खतरा भी कम होगा।

तंबाकू उद्योग और बच्चे

तंबाकू उद्योग अक्सर ऐसी नीतियों और विज्ञापनों का सहारा लेता है जिससे बच्चे और युवा तंबाकू की ओर आकर्षित हो जाते हैं। आरंभ में यह नशीली आदत सामान्य रूप से शुरू होती है, परन्तु धीरे-धीरे यह गंभीर रूप ले लेती है। खासकर नौजवानों ओर बच्चों में इसका प्रचलन बढ़ रहा है, जो आने वाले समय में एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या का रूप ले सकता है।

  • तंबाकू उद्योग का प्रभाव रोकने के लिए शिक्षात्मक अभियानों का संचालन करना आवश्यक है।
  • सरकार को मजबूत नीतियां और नियम लागू करने चाहिए ताकि बच्चों और युवाओं को तंबाकू के जाल से बचाया जा सके।
  • विज्ञापनों पर कड़ी पाबंदी लगाना और तंबाकू उत्पादों पर चेतावनी वाला लेबल लगाना जरूरी है।

इस वर्ष का विश्व नो टोबैको डे हमें यह याद दिलाता है कि तंबाकू के नुकसान से बचने के लिए हमें सख्त कदम उठाने होंगे, खासकर बच्चों ओर नौजवानों के लिए। तंबाकू का सेवन न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक स्तर पर भी हमें नुकसान पहुँचा रहा है।

हमें मिलकर तंबाकू के खिलाफ इस लड़ाई में अपना योगदान देना होगा और एक स्वस्थ समाज का निर्माण करना होगा।

टिप्पणि:

  • Neeraj Tewari

    Neeraj Tewari

    मई 31, 2024 AT 21:05

    तंबाकू के धुएँ को हृदय की नहरों में रेत की तरह जमा हो जाता है, जिससे रक्त का प्रवाह बड़बड़ा जाता है। जब धूम्रपान बंद करेंगे, तो शरीर धीरे‑धीरे अपनी खुद की मरम्मत शुरू कर देता है। यही कारण है कि हर साल लाखों मौतें रोकने की संभावना हमारे हाथ में है। अगर युवा वर्ग इस बात को समझे तो भविष्य में बिगड़ती बीमारियों की दर बहुत घटेगी।

  • Aman Jha

    Aman Jha

    जून 5, 2024 AT 12:19

    धूम्रपान केवल एक बुरी आदत नहीं, बल्कि यह सामाजिक संरचना को भी कमजोर करता है। परिवार में कई लोग दूसरे के धुएँ से भी प्रभावित होते हैं, इसलिए पासिव स्मोकिंग को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। जागरूकता की लहर चलाने से हम इस समस्या का एक कदम और करीब से सामना कर सकते हैं।

  • Mahima Rathi

    Mahima Rathi

    जून 10, 2024 AT 03:33

    धूम्रपान छोड़ो, जिंदगी बचाओ! 🚭

  • Jinky Gadores

    Jinky Gadores

    जून 14, 2024 AT 04:47

    ऐसे छोटे‑छोटे एमोतीकोन से आपका समाधान नहीं बनता बस बात बड़ी करनी चाहिए कि धूम्रपान का असर दिल को कैसे खतम कर देता है

  • Vishal Raj

    Vishal Raj

    जून 18, 2024 AT 20:01

    धूम्रपान के दीवाने खुद को ही बिगाड़ रहे हैं

  • Kailash Sharma

    Kailash Sharma

    जून 22, 2024 AT 21:23

    बिलकुल सही कहा, लेकिन सिर्फ कहने से कुछ नहीं होगा अगर हम सभी मिलकर सख्त नियम लागू न करें तो धूम्रपान का चक्र टूटेगा नहीं!

  • Shweta Khandelwal

    Shweta Khandelwal

    जून 27, 2024 AT 12:36

    सुनो भईये, ये टॉबैको इंडस्ट्री असल में हमारे दिमाग़ के अंदर जासूसी करती है, बच्चों को लुभाने के लिये नई‑नई ट्रिक बनाती है। उनका विज्ञापन इतना चमकदार कि बचपन में ही बच्चे ‘कूल’ समझते हैं। अगर सरकार ने सख़्त पाबन्दी नहीं लगाई तो ये जाल और भी मोटा होते जाएगा। हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम इस धुंध को साफ़ करें और सही जानकारी सबको दें।

  • sanam massey

    sanam massey

    जुलाई 1, 2024 AT 13:58

    आपकी बात में गहरी सच्चाई है, विशेषकर जब हम सामाजिक शिक्षा में सुधार लाते हैं तो युवा पीढ़ी को इस बुरी आदत से दूर रखा जा सकता है। सांस्कृतिक धरोहरों को सुरक्षित रखते हुए हमें स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ानी चाहिए।

  • jinsa jose

    jinsa jose

    जुलाई 5, 2024 AT 15:20

    व्यावहारिक रूप से, यह आवश्यक है कि विद्यालयों में तंबाकू के दुष्प्रभावों पर विस्तृत पाठ्यक्रम शामिल किया जाए, जिससे बचपन से ही चेतना विकसित हो। साथ ही, सार्वजनिक स्थानों में धूम्रपान रोकने के लिये कड़ी सजा निर्धारित करनी चाहिए।

  • Suresh Chandra

    Suresh Chandra

    जुलाई 10, 2024 AT 06:33

    धुमाेँ में फँसे दिल को बचाने के लिये रुकिए, जल्दी ही एक नई सास 🍃

  • Digital Raju Yadav

    Digital Raju Yadav

    जुलाई 14, 2024 AT 07:55

    चलो मिलकर धूम्रपान मुक्त भारत बनाते हैं! हर कदम मायने रखता है 🚀

  • Dhara Kothari

    Dhara Kothari

    जुलाई 18, 2024 AT 23:08

    धूम्रपान का असर सिर्फ फेफड़ों तक सीमित नहीं, यह पूरे रक्त सिस्टम को विकारित करता है और हृदय को कमजोर बनाता है।

  • Sourabh Jha

    Sourabh Jha

    जुलाई 23, 2024 AT 00:30

    देशभक्तों को चाहिए कि वे अपने परिवारों को तंबाकू की तरकीबों से बचाए, यही सच्ची सेवा है।

  • Vikramjeet Singh

    Vikramjeet Singh

    जुलाई 27, 2024 AT 15:43

    धूम्रपान छोड़ने से लाभ बड़ा, खर्च छोटा।

  • sunaina sapna

    sunaina sapna

    अगस्त 1, 2024 AT 06:56

    धूम्रपान छोड़ने से हृदय प्रणाली पर कई सकारात्मक परिवर्तन होते हैं।
    पहले कुछ दिनों में फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार दिखता है, जिससे साँस लेना आसान हो जाता है।
    रक्तचाप सामान्य हो जाता है और रक्त का प्रवाह सहज हो जाता है।
    समय के साथ एथेरोस्क्लेरोसिस जैसी धमनियों की संकुचन घटती है, जिससे हार्ट अटैक का जोखिम कम हो जाता है।
    धूम्रपान से उत्पन्न मुक्त कणों की मात्रा घटने से रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है।
    हृदय के रक्त वाहिकाएँ फिर से लचीली हो जाती हैं, जिससे ऊर्जा का परिवहन बेहतर होता है।
    धूम्रपान बंद करने के बाद कुछ ही हफ्तों में कोलेस्ट्रॉल स्तर में सुधार देखा जाता है।
    यह परिवर्तन विशेष रूप से मधुमेह या उच्च रक्तचाप वाले रोगियों के लिए जीवनरक्षक हो सकता है।
    बच्चों और किशोरों के घर में धूम्रपान न होने से उनका विकास स्वस्थ रहता है।
    सामाजिक स्तर पर तंबाकू की खरीद में कमी आती है, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरती है।
    सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रमों में भाग लेने से सार्वजनिक स्थानों में धूम्रपान कम होता है।
    अस्पतालों में धूम्रपान संबंधी रोगों के उपचार में लगने वाला खर्च भी घटता है।
    इस प्रकार, व्यक्तिगत स्वास्थ्य के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
    सरकार को मिलकर कड़े नियम बनाने चाहिए, जैसे कि तंबाकू पर उच्च कर और विज्ञापन प्रतिबंध।
    साथ ही, स्कूली पाठ्यक्रम में तंबाकू के दुष्प्रभावों को शामिल करना अनिवार्य होना चाहिए।
    अंततः, जब प्रत्येक नागरिक अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देगा, तो हमारा सम्पूर्ण समाज अधिक स्वस्थ और समृद्ध बन जाएगा।

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